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लोहिया आवास में घोटाला, ग्राम प्रधान समेत कई अधिकारियों पर FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश में पिछली सरकार गरीबों और असहायों के लिए डॉक्टर राममनोहर लोहिया के नाम पर लोहिया आावास योजना चलाई थी। लेकिन इस योजना में जमकर अनियमितता और मानक की अनदेखी करते हुए अपात्रों को योजना का लाभ दिया गया। जिसके लिए अधिकारियों ने ग्राम प्रधान के माध्यम से जमकर लूटपाट किया। ऐसे ही एक लूट का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि जनपद गाजीपुर की एक जागरूक महिला ने किया है। वह आवास के लिए पात्र होने के बाद भी अपात्र हो गई। जिसके लिए उसने सभी अधिकारियों से गुहार लगाई। लेकिन जब उसे कोई न्याय नहीं मिला तो उसने कोर्ट के माध्यम से तत्कालिन परियोजना निदेशक, खण्ड विकास अधिकारी, न्याय पंचायत अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम प्रधान पर मुकदमा दर्ज कराया।

जनपद गाजीपुर के सदर ब्लाक का एक गांव मीरनपुर सक्का जहां पर समाजवादी सरकार में लोहिया आवास योजना के तहत कुल 39 आवास बनने के लिए आए थे। जब इसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई थी तो उन्हें खुशी हुई थी कि अब उनकी झोपड़ी और खपरैल का मकान, पक्के मकान में तब्दील हो जाएगा। लेकिन इनकी खुशी उस वक्त काफूर हो गई जब लोहिया आवास के लिए पात्र होते हुए भी उन्हे न मिलकर पैसे के दम पर अपात्रों को आवास का लाभ दे दिया गया। जिसके बाद मीरनपुर की रहने वाली एक जागरूक महिला रीना जो खपरैल के मकान में रहती थी।

कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज हुआ मुकदमा

सभी अर्हता होने के बावजूद भी जब आवास नहीं मिला तो उसने जिले के सभी जिम्मेदार अधिकारियों के दरवाजे को खटखटाया, लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं मिला। जिसके बाद थक हार कर कोर्ट की शरण ली। जिसके बाद कोर्ट मामले का संज्ञान लेते हुए तत्कालीन परियोजना निदेशक श्रीराम सिंह, खण्ड विकास अधिकारी मृदुला, सेक्टर प्रभारी न्याय पंचायत सोहिलापुर, ग्राम पंचायत अधिकारी काशी नाथ झा और ग्राम प्रधान शिखा देवी के खिलाफ धारा 419, 420 के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। जिसके बाद 29 मार्च को इन सभी के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत हो गया। ऐसा भी नहीं की रीना कोई अकेली पीड़ित थी। गांव के अन्य पीड़ित लोगों ने भी अपनी पूरी बात बताई।

आरोपियों के ऊपर होगी वैधानिक कार्रवाई

इस मामले पर मुख्य विकास अधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बताया कि इस तरह का मामला हमारे भी संज्ञान में है, लेकिन कौन सी धारा में मुकदमा दर्ज हुआ है ये पुलिस की तरफ से एफआईआर की कोई कापी मिलने पर बतायी जा सकती है। एफआईआर की कापी मिलते ही जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी की जाएगी।

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