महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई ‘वूमेन पावर लाइन 1090’ में ही महिलाएं सुरक्षित हैं। इसकी बानगी तब पेश आई जब वहां तैनात एक महिला उप निरीक्षक ने खुद के साथ हुई छेड़खानी की आवाज उठाई। उसकी आवाज को आला अधिकारियों ने दबाने की कोशिश की। अधिकारी ने सलाह दी कि पीड़िता को काउंसलिंग की जरूरत है। जबकि उसने इसकी शिकायत एडिशनल एसपी से की थी। इसके बाद मामला एडीजी तक पहुंच गया था। फिर भी आरोपी पुलिसकर्मियों को बचा लिया गया। उन्होंने नशे में धुत होकर एक बार नहीं दो बार छेड़खानी की। साथ ही देख लेने की भी धमकी तक दे डाली।
हमारे सूत्रों ने बताया कि वहां तैनात सिपाही सतीश सिंह और राम सिंह ने पीड़िता का जीना दूभर कर दिया है। नशे में कार्यालय पहुंचकर उन्होंने 21 अक्टूबर को अभद्रता की। उस वक्त पीड़िता नाइट ड्यूटी में थी। आरोपी पुलिसकर्मियों ने पहले गाड़ी में बैठ कर शराब पी। फिर पीड़िता से उलझ गए। इसकी शिकायत उन्होंने एसपी से की।मामला एडीजी तक पहुँच गया। एडीजी ने एएसपी से मामले की जांच कराई तो दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। हालांकि इस बात से एडीजी अंजू गुप्ता इंकार कर रही हैं। उनकी मानें तो जांच में पीड़िता के आरोप निराधार निकले।
वहीं महिला दरोगा की मानें तो जांच में दोषी पाए जाने के बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने उन्हें 23 नवंबर के एडीजी के कार्यालय से निकलने के बाद धमकाया भी था। कहा था कि देख लेंगे फिलहाल आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय फिर पीड़िता के बयान दर्ज करने की बात कही जा रही है। वहीं साथी कर्मचारियों की करतूत व आला अधिकारियों की कार्यवाही से महिला काफी आहत है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]इससे पहले भी गुंडई कर चुके सिपाही, सभी परेशान [/penci_blockquote]
आरोपी सिपाही सतीश धर्मेंद्र की गुंडई के काफी चर्चे हैं। उन्होंने पिछले दिनों पीजीआई में एक डॉक्टर की पिटाई की थी। उनकी हरकत से आकांक्षा नामक कर्मचारी नौकरी छोड़ चुकी है। अब दोनों महिला दरोगा के पीछे हाथ धोकर पड़ गए हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पीड़िता ने ये दिया शिकायती पत्र[/penci_blockquote]
पीड़िता ने अपर पुलिस महानिदेशक ‘वूमेन पावर लाइन 1090’ को दिए गए शिकायती पत्र में कहा है कि “वह रात्रि ड्यूटी 20:00 21 अक्टूबर को थी तथा दो काउंसलर में कांस्टेबल राम सिंह व सतीश सिंह ड्यूटी थी। राम सिंह व सतीश सिंह ड्यूटी पर आकर कांस्टेबल सतीश सिंह की गाड़ी में बैठ कर शराब का सेवन किया और सो गए। कई बार मेरे द्वारा उठाने पर राम सिंह उठे और सतीश सिंह नहीं उठे। यह मैसेज में पहले अपर पुलिस अधीक्षक को देर रात 1:56 बजे करके उसे डिलीट कर दिया और मैंने वही मैसेज निरीक्षक प्रशासन गंगेश त्रिपाठी को किया। पुनः मेरे रात्रि ड्यूटी 26 अक्टूबर को थी। मैं काउंसलिंग सेक्शन में गई तो कांस्टेबल सतीश सिंह कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह परिहार द्वारा मेरे साथ अभद्रता की गई। यह मैसेज मैंने पर पुलिस अधीक्षक को रात 12:49 बजे प्रेषित किया। कांस्टेबल अधिकतर ड्यूटी पर लेट आते हैं। दिनांक 14 नवंबर को लेट आए तो फिर से 23 नवंबर को कांस्टेबल सतीश सिंह व कांस्टेबल अनुराग त्रिवेदी देरी से आए। तो मेरे द्वारा जीडी में रपट लिखा दी गई। रपट लिखाने के बाद में कांस्टेबल सतीश सिंह ने मुझे उपनिरीक्षक को मां की गाली दी। इन सारी बातों को मैंने मौखिक रूप से अपर पुलिस अधीक्षक वूमेन पावर लाइन को बताया तथा अपर पुलिस महानिदेशक वूमेन पावर लाइन को भी बताया। इस बात पर कांस्टेबल सतीश सिंह का तैश में आ गए और लोगों से मुझे मारने की बात कहने लगे। पीड़िता ने किए गए मैसेज उसके पास सुरक्षित हैं। पीड़िता का कहना है कि इन कारणों से वह वूमेन पावर लाइन में खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है और उसकी जान को खतरा बना हुआ है।” इसलिए पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ उचित कार्यवाही और अपनी सुरक्षा की मांग की है।
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