मंगलवार 4 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की नई सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक बुलाई थी, सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में कुल 9 प्रस्तावों पर मुहर लगायी थी। हालाँकि, सभी को किसानों की कर्ज माफ़ी के लिए होने वाले आदेश का इंतजार था। राज्य सरकार ने अपने कर्ज माफ़ी के वादे को पूरा करते हुए प्रदेश के सीमान्त और लघु किसानों का कर्ज माफ़ कर दिया है।
सीमान्त किसानों के लिए बड़ा फैसला:
- मंगलवार 4 अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग बुलाई थी।
- बैठक में सरकार ने अपने घोषणा-पत्र के वादे के अनुसार प्रदेश के सीमान्त और लघु किसानों का कर्ज माफ़ कर दिया है।
- भाजपा कैबिनेट का यह फैसला अपने आप में एक ऐतिहासिक फैसला है।
- राज्य सरकार ने अपने फैसले से करीब 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ़ किया है।
- देश के इतिहास में किसी राज्य सरकार द्वारा इतने बड़े पैमाने पर किसानों का कर्ज माफ़ नहीं किया गया है।
86 लाख किसानों का 1 लाख तक का कर्ज माफ़:
- मंगलवार को हुई यूपी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में किसानों का करीब 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ़ किया गया है।
- कैबिनेट के इस फैसले से सूबे के 86 लाख किसानों को फायदा मिलेगा।
- ये 86 लाख किसान सीमान्त और लघु श्रेणी में आते हैं।
- इन सभी 86 लाख किसानों का 1-1 लाख तक का कर्ज सरकार माफ़ करेगी।
7 लाख किसानों को OTS के जरिये सीधा लाभ:
- राज्य सरकार ने इन 86 लाख किसानों में करीब 7 लाख किसानों को OTS के जरिये रियायत देगी।
- ये 7 लाख किसान वे किसान हैं, जिनके द्वारा बकाया न चुकाए जा सकने के चलते बैंक उन्हें लोन नहीं देते हैं।
- सरकार द्वारा OTS मिलने के बाद इन 7 लाख किसानों को कर्ज मिल सकेगा।
सीमान्त और लघु किसान:
- राज्य सरकार ने सीमान्त और लघु किसानों का करीब 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ़ कर दिया है।
- सीमान्त किसान उन किसानों को कहा जाता है, जो ढाई एकड़ तक के खेत के मालिक होते हैं।
- वही लघु किसान वे हैं जो 5 एकड़ तक के खेत के मालिक होते हैं।
- एक गणना के मुताबिक, 86.68 लाख किसान सीमान्त और लघु श्रेणी में आते हैं।
8 सदस्यीय कमेटी ने बनायी रूपरेखा:
- यूपी में 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ़ कर दिया गया है।
- इस योजना की रूपरेखा 8 सदस्यीय कमेटी ने बनायी है।
- जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने की थी।
- एक आंकड़े के मुताबिक, यूपी में 78 फ़ीसदी आबादी ग्रामीण अंचलों में रहती है।
- जिसमें से करीब 68 फ़ीसदी लोग किसान हैं।