उत्तर प्रदेश विधानसभा में राज्य संपत्ति भवन आवंटन विधेयक पास हो गया है, जिसके चलते अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली नहीं करने होंगे।
5 पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास 8 बंगले, कुल संपत्ति 136 करोड़:
- सूबे की विधानसभा में राज्य संपत्ति भवन आवंटन विधेयक पारित हो गया है।
- जिसके चलते पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली नहीं करने पड़ेंगे।
- इसके साथ ही संस्थानों और पत्रकारों के मकान भी नहीं खाली किये जायेंगे।
- वहीँ इस नए क़ानून से आवंटन के नियम दुरुस्त होने की बात भी कही जा रही है।
करोड़ों में संपत्ति के बाद भी नहीं छूट रहा सरकारी बंगलों का ‘मोह’:
- अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले नहीं खाली करने पड़ेंगे।
- विधानसभा में राज्य संपत्ति भवन आवंटन विधेयक पास हो गया है।
- गौरतलब है कि, सूबे के 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास कुल 8 बंगले हैं।
- साथ ही इन पूर्व मुख्यमंत्रियों की कुल संपत्ति 136 करोड़ रुपये है।
- अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि, इतनी संपत्ति होने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले का मोह क्यों नहीं छूट रहा है।
किस पूर्व मुख्यमंत्री के पास कितनी संपत्ति:
- मायावती: एफिडेविट के मुताबिक, दिल्ली और लखनऊ में एक-एक घर, कुल संपत्ति 111 करोड़ रूपये है।
- मुलायम सिंह यादव: इटावा, लखनऊ और सैफई में एक-एक घर, कुल संपत्ति 15 करोड़ 96 लाख रुपये है।
- राजनाथ सिंह: एक घर लखनऊ में, कुल संपत्ति 2 करोड़ 92 लाख रुपये है।
- कल्याण सिंह: एक बिल्डिंग, कुल संपत्ति 60 लाख रुपये है।
- रामनरेश यादव: एक घर, कुल संपत्ति एफिडेविट (2004) के मुताबिक, 29 लाख 57 हजार है।
- वहीँ एनडी तिवारी का एफिडेविट जारी नहीं हो पाया है।
1 से 1.50 लाख है सालाना खर्च:
- पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगलों के मेंटेनेंस का सालाना खर्च करीब 1 से 1.50 लाख के बीच आता है।
- ढाई लाख से ज्यादा खर्च होने की सूरत में बंगले के किराये में 2000 रुपये अतिरिक्त जुड़ जाते हैं।
- गौरतलब है कि, इन बंगलों का किराया 10 हजार से अधिक नहीं हो सकता है।
सैलरी का भी बिल हुआ पास:
- विधानसभा में उत्तर प्रदेश मंत्री विधेयक पास कर दिया गया है।
- विधेयक में पूर्व मुख्यमंत्रियों के अनुरोध पर उसी किराये के साथ मकान देने की बात कही गयी है।
- जिसके बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को घर नहीं छोड़ना पड़ेगा।
- इस विधेयक के साथ ही सीएम अखिलेश ने यूपी के मंत्रियों की सैलरी भी बढ़ा दी है।
- मुख्यमंत्री, कैबिनेट और राज्य मंत्रियो की सैलरी 12 हजार से बढ़कर 40 हजार हो चुकी है।
- वहीँ उपमंत्री की बेसिक सैलरी 10 हजार से बढ़ाकर 35 हजार कर दी गयी है।