समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। चौंतीस साल पुराने मुकदमे में हाजिर न होने पर पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्र सहित तीन लोगों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट एवं इनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने दिया है। मुकदमे की अगली सुनवाई पांच अक्टूबर को होगी।
अदालती पत्रवली के अनुसार, 27 फरवरी 1984 को हजरतगंज थाने में तैनात दरोगा अखलाक अहमद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि प्रशासन की अनुमति के बिना रविदास मेहरोत्र, सी.बी. सिंह, भगौती सिंह, समरबहादुर सिंह एवं अशोक कुमार सिंह अपने 15-20 साथियों के साथ प्रदर्शन कर जबरन दुकानें बंद करा रहे थे। कहा गया है कि यह लोग जब प्रदर्शन कर रहे थे तब न केवल यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। बल्कि दहशत के कारण लोग अपनी दुकानें बंद करने लगे थे।
पुलिस की ओर से कहा गया है कि मौके पर रविदास मेहरोत्र सी.बी. सिंह, भगौती सिंह, समर बहादुर सिंह एवं अशोक कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लया गया था। जबकि उनके अन्य साथी भाग गए थे। पुलिस ने इन सभी लोगों के विरुद्ध अदालत में 20 मार्च 1984 को आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसमें 13 अगस्त 2003 को सीबी सिंह एवं भगौती सिंह की पत्रवली अलग कर दी गई। जबकि शेष तीन लोगों रविदास मेहरोत्र, समर बहादुर सिंह एवं अशोक कुमार सिंह के काफी समय से अदालत में हाजिर न होने पर उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट एवं कुर्की का आदेश दिया गया है।
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