पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (gayatri prasad prajapati) और उनके छह साथी गैंगरेप के मामले में बुरे फंस गए हैं। प्रजापति के साथ उनके सभी साथियों पर भी नाबालिग युवती से गैंगरेप का केस चलेगा। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी है। बता दें, जिन धाराओं में केस दर्ज है उसके हिसाब से प्रजापति को व उनके साथियों को 10 साल की सजा सुनाई जा सकती है।
क्या है पूरा मामला
- गायत्री प्रजापति व उनके छह साथियों के खिलाफ महिला व उसकी नाबालिग बेटी से गैंगरेप का आरोप है।
- मामले की जांच कर रही एसआईटी ने चार्जशीट फाइल कर दी है।
- सभी आरोपियों के खिलाफ महिला व उसकी बेटी से अश्लील हरकत के आरोप दो अन्य धाराएं भी जोड़ी गई हैं।
- बता दें, सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन के मुताबिक, नाबालिग बेटी से रेप के प्रयास को भी गैंगरेप मानकर केस चलाया जाएगा।
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आरोपियों के खिलाफ इन धाराओं में चलेगा केस
- गायत्री और उसके छह साथियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट 2012 की 4/5 धारा लगाई गई है।
- वहीं, मामले की जांच करने के बाद एसआईटी ने पॉक्सो एक्ट की 5/6 धारा भी लगाई है।
- इन धाराओं में यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो सभी आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई जा सकती है।
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गायत्री के मामले में दो पुलिस अफसर भी दोषी
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गायत्री के खिलाफ गैंगरेप का केस दर्ज किया गया।
- मामले की विवेचना कर रहे दो पुलिस अफसर भी दोषी पाए गए।
- दोनों अफसरों ने गलत विवेचना कर गायत्री को बचाने का प्रयास किया।
- अफसरों के नाम सीओ आलमबाग अमिता सिंह और सीओ हजरतगंज अवनीश कुमार मिश्र है।
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ये हैं सभी आरोपियों के नाम
- पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति।
- अमेठी के लेखपाल अशोक तिवारी।
- गायत्री के निजी सचिव रूपेश्वर उर्फ रूपेश।
- गीतापल्ली इको गार्डन के पास रहने वाले बिजनेस पार्टनर विकास वर्मा।
- गोमतीनगर के विकासखंड निवासी अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह।
- कानपुर के नौबस्ता के आशीष कुमार शुक्ला।
- गनर हेड कांस्टेबल चंद्रपाल।