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ग्रामीण अनमीटर्ड विद्युत दरों में 100 रू प्रतिमाह की वृद्धि

electricity poles painted saffron

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जहां एक तरफ उ0प्र0 सरकार निजीकरण करके प्रदेश की जनता को संकट में डालने की तैयारी कर रही है। वहीं कल से पूरे प्रदेश के लगभग 50 लाख अनमीटर्ड ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं की जो वर्तमान दरें रू0 300 प्रति किलोवाट प्रतिमाह है, वह 1 अप्रैल, 2018 से रू0 400 प्रति किलोवाट प्रतिमाह स्वतः आयोग आदेशानुसार हो जायेगी। बड़ी चालाकी से जब 30 नवम्बर,2017 को उ0प्र0 सरकार ने दबाव डालकर प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में व्यापक बढ़ोत्तरी करायी गयी थी। जिसमें पहले जो ग्रामीण अनमीटर्ड विद्युत उपभोक्ता रू0 180 प्रति किलोवाट प्रतिमाह देते थे, उसमें बढ़ोत्तरी करके रू0 300 और 1 अप्रैल, 2018 से रू0 400 प्रति किलोवाट प्रतिमाह करा दिया गया था। यानि कि 1 अप्रैल, 2018 से ग्रामीण अनमीटर्ड विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में लगभग 34 प्रतिशत की वृद्धि हो जायेगी। वहीं एक तरफ विगत दिनों उत्तराखण्ड सरकार ने अपनी बढ़ी बिजली दरों में कमी की, लेकिन उ0प्र0 सरकार को इस दिशा में कोई भी चिन्ता नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस पूरे मामले पर उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल पुनर्विचार याचिका जिस पर आयोग ने पावर कार्पोरेशन से जवाब लेकर बिना कार्यवाही किये मामला लम्बित रखा है। क्योंकि उ0प्र0 सरकार नहीं चाहती है कि जनता को राहत मिले। उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी से इस मामले पर हस्तक्षेप करने की मांग की है और यह निवेदन किया है कि जब तक उपभोक्ता परिषद की पुनर्विचार याचिका पर आयोग कोई निर्णय न दे दे तब तक सरकार विद्युत अधिनियम की धारा 108 के तहत 1 अप्रैल से बढ़ रही बिजली दरों पर रोक लगाने के लिये नियामक आयोग से मांग करे।

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उ0प्र0राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व विश्व ऊर्जा कौंसिल के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 1 अप्रैल से 50 लाख अनमीटर्ड ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में जो बढ़ोत्तरी हो रही है, वह असंवैधानिक है। क्योंकि उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन व बिजली कम्पनियों द्वारा मल्टीईयर टैरिफ प्रस्ताव के तहत केवल वर्ष 2017-18 का टैरिफ प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया गया था और एक ही वित्तीय वर्ष पर सार्वजनिक सुनवाई हुई थी। ऐसे में जब तक नया टैरिफ पुनः आयोग द्वारा न जारी किया जाये, तब तक वर्ष 2017-18 की ही टैरिफ नियमानुसार लागू रहना चाहिए, लेकिन पावर कार्पोरेशन व उ0प्र0 सरकार ने एकल मेम्बर कमीशन पर दबाव डालकर 1 अप्रैल,2018 से ग्रामीण अनमीटर्ड विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में रू0 300 प्रति किलोवाट प्रतिमाह की जगह रू0 400 प्रति किलोवाट प्रतिमाह जारी करा लिया था।

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सवाल यह उठता है कि 1 अप्रैल के बाद वित्तीय वर्ष 2018-19 शुरू हो जायेगा और टैरिफ आदेश वर्ष 2017-18 का जारी है, ऐसे में 1 अप्रैल,2018 से बढ़ रही दरें पूरी तरह असंवैधानिक है, क्योंकि एक ही श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकती।
इस पूरे मामले पर उपभोक्ता परिषद द्वारा आयोग में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गयी थी, जिस पर आयोग के चेयरमैन एस0के0 अग्रवाल ने पूरे मामले पर परीक्षण कराने के बाद उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन से रिर्पोट तलब की थी। जिस पर पावर कार्पोरेशन द्वारा अपना जवाब आयोग में बहुत पहले दाखिल कर सरकार के माध्यम से आयोग पर यह दबाव बनाया गया कि मामले पर आगे कार्यवाही न की जाये और अन्ततः मामला आज भी विचाराधीन है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि उ0प्र0 सरकार के इशारे पर 1 अप्रैल से 50 लाख अनमीटर्ड ग्रामीण विद्युंत उपभोक्ताओं की दरों में बड़ा इजाफा लागू होने जा रहा है।

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