उत्तर प्रदेश में भारतीय कृषि और (DMD NABARD) खाद्य परिषद के वर्किंग ग्रुप का उद्घाटन करते हुए नाबार्ड के उप प्रबंध निदेशक, आर्मोल पैनथान ने कहा कि कृषि की दृष्टि से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ी राज्य है और इस राज्य द्वारा की गई प्रगति देश की प्रगति को निर्धारित करती है।
- उन्होंने कहा कि राज्य कृषि क्षमता में समृद्ध है, लेकिन विकास, मूल्य वृद्धि और कृषि कारोबार के दायरे का अब तक पूर्ण रूप से समन्वेषण नहीं हुआ है।
- बढ़त की तकनीक, निवेश का अधिक से अधिक प्रवाह, बाजारों के साथ किसानों को जोड़ने की आवश्यकता है।
50,000 करोड़ रूपए मूल्य का अतिरिक्त कृषि उत्पादन
- अगले पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रूपए मूल्य का अतिरिक्त कृषि उत्पादन एवं 1 लाख नौकरियों के लिए नीतियों, व्यापार और प्रौद्योगिकियों के अभिसरण की आवश्यकता होगी जिसके लिए एक मंच गंभीर रूप से जरूरी था।
- उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर आईसीएफए वर्किंग ग्रुप के प्रक्षेपण के साथ, राज्य के कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक शक्तिशाली मंच उपलब्ध है।
- 60 सदस्य आईसीएफए वर्किंग ग्रुप का नेतृत्व डॉ पंजाब सिंह, अध्यक्ष, नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज और पूर्व डीजी,आईसीएआर कर रहे हैं।
- डॉ. पीके जोशी, दक्षिण एशिया निदेशक, डॉ. अनीस अन्सारी, पूर्व एपीसी और आर एल तामक, कार्यकारी निदेशक- चीनी, डीसीएम श्रीराम समूह के उपाध्यक्ष के रूप में मार्गदर्शन करेंगे।
- सदस्यों में फैजाबाद के कुलपति डॉ हसीब अख्तर, सीएसए कानपुर के कुलपति डॉ एस सोलोमन, कृषि विश्वविद्यालय बांदा के कुलपति डॉ एसएल गोस्वामी और एसबीपीयूएटी मेरठ के कुलपति डॉ. गया प्रसाद शामिल हैं।
- अन्य विशिष्ट सदस्यों में आईसीएआर संस्थानों के निदेशक डॉ. एडी पाठक,आईआईएसआर लखनऊ, डॉ. आरके सिंह, आईवीआरआई बरेली के अलावा बीज, उर्वरक, मशीनरी और एग्रो प्रोसेसिंग सेक्टरों के 40 उद्द्योग प्रमुख शामिल जुड़े हैं।
- डॉ. अनिस अंसारी ने कहा कि आईसीएफए वर्किंग ग्रुप किसानों की आय दोहरीकरण के लिए नीतिगत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- उन्होंने कहा कि दालों और तिलहनों के लिए एमएसपी घोषित करने की तत्काल आवश्यकता है, जो कि स्वामीनाथन सूत्र पर आधारित है।
- दालों पर 25% आयात शुल्क लगाना, किसानों की रक्षा के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक ज़रूरी है।
- उन्होंने कहा कि सरकार को, अनुत्पादक जानवरों की बिक्री पर प्रतिबंध हटा कर किसान पर बढ़ते बोझ को कम करना चाहिए।
- एक्वा अग्रि प्रोसेसिंग के प्रबंध निदेशक, अभीराम सेठ ने कहा कि किसानो की समस्याएं तब तक कम नहीं होंगी जब तक उपभोक्ता खर्च का 75 प्रतिशत किसानो तक नहीं पहुंचेगा।
- इसके लिए मूल्य श्रृंखला निर्माण और बाजार के साथ किसान को जोड़ने की अत्यंत आवश्यकता है। ऋण माफी इस समस्या का समाधान नहीं है।
- उन्होंने मिल का उदहारण दिया जो कि बहुत जल्दी खराब होने वाला है, फिर भी किसान को उपभोक्ता खर्च का 75 प्रतिशत मिल जाता है।
- इसके विपरीत फलों और सब्जियों पर किसान को उपभोक्ता खर्च का 25 % ही प्राप्त होता है।
- उपस्थित (DMD NABARD) गणमान्य सदस्यों का स्वागत करते हुए, भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद के चेयरमैन डॉ. एमजे खान ने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के बाद यह दूसरा भौगोलिक कार्य समूह है।
- जो प्रधान मंत्री मोदी के 2022 तक उत्तर प्रदेश के किसानों की आय के दोगुनेकरण लक्ष्य पर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- उन्होंने कहा कि कृषि समुदाय के 60 दिग्गज एक साथ नीति सुधारों, निवेश, प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने और राज्य में उद्यमशीलता के अवसर पैदा करने के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक संसाधनों का समन्वय करेंगे।
- उन्होंने कहा कि आईसीएफए ने देश के प्रथम जिला कृषि परिषद को लॉन्च करने के लिए उत्तर प्रदेश, लखीमपुर का जिला भी चुना है।
- आईसीएफए, उत्तर प्रदेश में किसानो की आय दोहरीकरण की लिए प्रतिबद्धता की साथ तत्पर है।
- डॉ. खान ने कहा कि आईसीएफए के तहत 47 उद्योग विशिष्ट कार्यरत समूह राज्य में मजबूत व्यापार और निवेश को (DMD NABARD) प्रोत्साहित करने की लिए कार्यरत हैं।