उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को समय रहते अस्पताल पहुंचाने और जान बचाने के लिए बेहद जरूरी एम्बलेंस सेवाए लॉच की थी। इसमें एम्बुलेंस सेवा 108 व 102 काफी चर्चित है। इसके जरिये प्रदेश भर में महिला, बच्चों सहित अब तक लाखों लोगों की जान बचाई जा चुकी है। यूपी सरकार की यह दोनों सेवाए 24 घंटे बिना रूके काम करती रहती है। ताकि प्रदेशवासियों को जरूरत के वक्त फौरन मदद मिल सकें। इन दोनों सेवाओं के लिए कुल 3756 एम्बुलेंस प्रदेश भर में तैनात है। यह दोनों सेवाएं पेपरलेस हैं। सभी एम्बुलेंस को आधुनिक उपकरणों से लेस किया गया है।
108 सेवा से जुड़ी खास बातें
- 108 तीन अंकों का एक निशुल्क नंबर है।
- इसका उपयोग चिकित्सा, पुलिस व आग से सम्बंधित आपातकालीन स्थितियों में कभी भी किया जा सकता है।
- यह निशुल्क सेवा 24 घंटे पूरे साल जनहित के लिए उपलब्ध है।
- इस 108 नबंर पर मोबाइल फोन व लैंडलाइन से संपर्क किया जा सकता है।
इन स्थितियों में करें 108 पर फोन
- दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ने पर।
- तेज पेट दर्द, सांस में तकलीफ होने पर।
- किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर।
- जानवरों के काटने, अचानक बेहोश होने पर।
- कोई अपराध हो रहा हो या होने की आशंका हो,
- आग लगने पर किसी के घायल होने के साथ फायर बिग्रेड और एम्बुलेंस की आवश्यकता होने पर।
- व अन्य आपातकालीन सेवा की स्थिति होने पर।
102 से जुड़ी खास बातें
- 102 एम्बुलेंस सेवा भी 108 की तरह ही निशुल्क व 24 घंटे काम करने वाली सेवा है।
- इस एम्बुलेंस सेवा में गर्भवती महिला को घर से अस्पताल लाने और वापस छोड़ने के लिए फोन कर सकते हैं।
- साथ ही गर्भवती महिला व शिशु को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए भी फोन कर सकते हैं।
- वहीं एक साल तक के बच्चों को किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर घर से अस्पताल और वापस घर छोड़ने के लिए इसकी सेवा ले सकते हैं।
एम्बुलेंस सेवा 102 से जुड़े रिकॉर्ड
- इस सेवा की शुरूआत प्रदेश में 17 जनवरी 2014 को हुई थी।
- अब तक इस एम्बुलेंस सेवा 102 ने 99 लाख से अधिक महिलाओं व बच्चों की मदद की है।
- इस सेवा के तहत 2268 एम्बुलेंस प्रदेश भर में संचालित हो रही हैं।