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पशुओं से लदी डीसीएम कच्चे मकान में घुसी, सात लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिला में यूपी- बिहार के बॉर्डर पर मंगलवार तड़के एक दिल दहला देने वाली घटना घट गई। यहाँ मालदह गांव में नए साल की शु्रुआत एक परिवार के लिए काल बन गई। दरअसल यहां एक पशुओं से लदी डीसीएम अनियंत्रित होकर कच्चे मकान में जा घुसा। हादसे में घर में सो रहे एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई। डीसीएम पलटते ही गांव में कोहराम मच गया। घटना में गंभीर घायल दो लोगों को जिला अस्पताल भेजा गया। लेकिन सूचना के बाद भी पुलिस घटना के 4 घंटे बाद मौके पर पहुंची। मृतकों में तीन बच्चे एक पुरुष दो महिला शामिल हैं।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेने की कोशिश की दो ग्रामीणों ने दौड़ा लिया। पथराव के कारण पुलिस पीछे हट गई। ग्रामीण डीएम के पहुंचने पर ही शव को उठाने देने पर अड़े थे। इसके बाद डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे। डीएम ने लोगों के आक्रोश को देखते हुए एसपी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। घंटों चले प्रदर्शन के बाद एसपी ने सीओ के खिलाफ पत्र शासन को लिखा। जबकि थानाध्यक्ष सहित एसआई और पांच पुलिस कर्मी और डायल 100 पर तैनात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। वहीं डीएम ने मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपए मुआवजा देने, एक सदस्य को नौकरी देने और प्रधानमंत्री आवास देने की घोषणा की। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन को समाप्त किया। फिलहाल इस घटना से गांव में मातम पसरा हुआ है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वसूली के लिए पुलिस ने दौड़ाया तो भागने के दौरान अनियंत्रित हुआ ट्रक[/penci_blockquote]
जानकारी के मुताबिक, यूपी- बिहार के बॉर्डर पर स्थित मालदह गांव में सड़क किनारे कल्लू राम का परिवार कच्चे मकान में रहता था। सोमवार की रात परिवार के सात लोग मड़ई में सो रहे थे। रात में उधर से पशुओं से भरा ट्रक गुजरा। आरोप है कि डॉयल 100 की पुलिस ने वसूली के लिए ट्रक का पीछा किया तो ट्रक ड्राइवर तेज रफ्तार में ट्रक भगाने लगा। डीसीएम चालक ने गाड़ी की रफ्तार तेज की तो उसका स्टेयरिंग से नियंत्रण छूट गया। ऐसे में डीसीएम सड़क किनारे लगे विद्युत खंबे को तोड़ती हुई झोपड़ी में कल्लू राम के कच्चे मकान में जा घुसी। हादसे में कल्लू राम की पत्नी श्यामा देवी (60), रामकिशुन (27), सुहागिन (25), रामकिशुन के तीन बच्चे गोलू (3), मोलू (5), मुन्नी (4) और निशा (8) की मौत हुई है। घर के मुखिया कल्लू राम सिवान में सोए थे, जिससे उनकी जान बच गई। अब परिवार में कल्लू राम और एक बेटा मुनीम बचे हैं। हादसे के बाद पशुओं से लदी डीसीएम का चालक भाग निकला।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]इन पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई[/penci_blockquote]
हालात को भांपते हुए एएसपी नक्सल वीरेंद्र यादव, एसडीएम दीप्ति देव भारी फोर्स के साथ मौके पर मौजूद हैं। ग्रामीण जिलाधिकारी के पहुंचने का इन्तजार कर रहे हैं।सात मौतों से नाराज जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने पुलिसकर्मियों पर बड़ी कार्रवाई की है। पब्लिक के आक्रोश को देखते हुए इलिया इंस्पेक्टर नागेन्द्र प्रताप सिंह, इलिया चौकी प्रभारी अशोक यादव, इलाके में तैनात सिपाहियों को निलम्बित एवं चकिया कोतवाल अश्वनी चौबे को लाइन हाजिर कर दिया है। सीओ कुंवर प्रभात सिंह के खिलाफ शासन को पत्र लिखा जाएगा। यह कार्रवाई भी नाकाफी बताई जा रही है, क्योंकि पुलिस प्रशासन पशु तस्करी के बारे में जानकर भी उसे रोकने में नाकाम रहा।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]तनाव को देखते हुए गांव में फोर्स तैनात[/penci_blockquote]
इस जबरदस्त हादसे में चार महिलाएं समेत सात की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने दौड़ा लिया। इसके बाद पथराव के कारण पुलिस पीछे हट गई। जिलाधिकारी ने सभी मृतकों के परिवारवालों को 5-5 लाख रुपये देने की घोषणा की है। ग्रामीणों का आरोप है कि पशु तस्करी की पूर्व में सूचना के बाद भी पुलिस की निद्रा नहीं टूटी। सनसनीखेज हादसे की भनक लगते ही इलाकाई पुलिस मौके पर जा पहुंची। ग्रामीणों का आक्रोश देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने इलाकाई पुलिस वालों को हटा दिया है। जिले से भारी फ़ोर्स भेजी गई।

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