जौनपुर: कौन देगा किसको मात, जनता की बात जनता के साथ
- जौनपुर अपनी इमारतें व ऐतिहासिक धरोहर के लिये मशहूर है |
- ये उन सीटों में से एक है जहाँ तमाम बड़ी राजनीतिक पार्टियों के योद्धाओं कि निगाहें टिकी रहतीं हैं |
- ये बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं |
- सभी दलों ने अपने-अपने दावे ठोंकने शुरू कर दिये हैं |
- सपा बसपा गठबंधन अपनी नियति दोहराने ले किये एक बार फिर मैदान में उतर गया है।
- चुनावी पंडितों का मानना है कि बीते सालों में हुए गठबंधन का इतिहास इस बार फिर से नहीं दोहराया जायेगा |
- वहीं बीजेपी की राजनीति ने सब को हिलाकर रख दिया है।
- कांग्रेस के लिये यहां से मैदान में उतरना बीजेपी से ज्यादा चुनौती भरा है।
- जनता भी आखिर सीधे मुंह कुछ कहने को राजी नहीं है सभी ख्याली पुलाव पका रहे हैं।
- बता दें कि जनपद को 6 तहसीलों एवं 21 विकास खंडो में विभाजित किया गया है।
जौनपुर की औसत साक्षरता दर अगर आंकी जाय तो 60.78% है
- जिनमें पुरुषों की साक्षरता दर 70.5% और महिलाओं की साक्षरता दर 51.29% है।
- जिले में कुल 2 लोकसभा सीट हैं |
- जिसमें 73-जौनपुर सदर है तो दूसरा मछली शहर जहां दलित जातियों के लोगों की संख्या अधिक है।
- पूरे जनपद की विधानसभा अगर आंकी जाए तो कुल 9 विधानसभा क्षेत्र हैं |
- जिसमें 364-बदलापुर,365- शाह्गंज,366- जौनपुर,367- मल्हनी,368- मुंगरा बादशाहपुर,369- मछलीशहर (अ0जा0),370- मडियॉहू,371- जफराबाद,372- केराकत(अ0जा0) है।
जनपद में विधानसभा सीट का हाल
चुनावी माहौल में विधानसभा सीटों के बारे में अगर बात की जाए तो बदलापुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के रमेश चंद्र मिश्रा विधायक हैं |उन्होंने साल 2017 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के लालजी यादव को 2.372 मतों के अंतर से हराया था। इसी क्रम में शाहगंज विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के शैलेंद्र यादव का कब्जा रहा है |जिन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राणा अजित प्रताप सिंह को 9,162 मतों के अंतर से मात दी थी।
- जौनपुर से भारतीय जनता पार्टी ने 2017 चुनाव में जीत हासिल की थी |
- बीजेपी की ओर से गिरीश चंद्र यादव ने कांग्रेस के नदीम जावेद को 12,284 मतों के अंतर से हराया था।
- जौनपुर का यह विधानसभा सीट मल्हनी विधानसभा हमेशा चर्चा में रहता है |
- सबकी निगाहें भी इस विधानसभा सीट पर अक्सर रहती है |
- मल्हानी विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की पकड़ है और यहां से पारसनाथ यादव विधायक हैं |
- पारसनाथ ने निषाद पार्टी के धनंजय सिंह को 21,210 मतों के अंतर से हराया था |
- साल 2017 विधानसभा चुनाव में मुंगरा बादशाहपुर से बहुजन समाज पार्टी की सुषमा पटेल ने बीजेपी की सीमा द्विवेदी को 5,920 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी।
- जौनपुर संसदीय क्षेत्र के 5 विधानसभा सीटों पर कड़ी लड़ाई है |
- यहां के 2-2 सीटों पर बीजेपी और सपा का कब्जा है तो एक पर बसपा ने पकड़ बनाए रखी है।
- अब सपा-बसपा का गठबंधन हो जाने से यहां का मुकाबला रोचक हो गया है।
जनपद का जातीय समीकरण
- जौनपुर शहर की कुल जनसंख्या 44,94,204 है |
- लगभग 10 लाख लोग अनुसूचित जातियों और 4,736 लोग जनजातीय समुदाय के भी हैं।
- 89 प्रतिशत की आबादी हिंदू समुदाय से है तो वही 10 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है |
- साल 2014 के चुनाव में 1848842 वोटरों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से 10,07,235 वोट पड़े थे।
- इस वोटिंग में 54 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं।
2014 लोकसभा चुनाव में किसने, किसको दी थी मात
2019 लोकसभा चुनाव आने वाले हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल इसके लिए तैयारी कर रहे हैं | वहीं 2014 लोकसभा चुनाव में जौनपुर सीट से भाजपा के उम्मीदवार कृष्ण प्रताप ने बाजी मारी थी | वहीं दूसरी और बसपा के प्रत्याशी सुभाष पांडे, सपा के कैंडिडेट पारसनाथ यादव और कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी फिल्मस्टार रवि किशन को हार को सामना करना पड़ा था |
- अभी भारतीय जनता पार्टी के कृष्णा प्रताप सिंह जौनपुर से सांसद हैं |
- 2014 के लोकसभा चुनाव में जौनपुर संसदीय सीट से 21 प्रत्याशी मैदान में थे |
- कृष्णा प्रताप सिंह ने बसपा के सुभाष पांडे को हरा कर जीत हासिल की थी |
- कृष्णा ने 1,46,310 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी |
- कृष्णा को 3,67,149 (36.45%) मत मिले जबकि सुभाष को 2,20,839 (21.93%) मत मिले थे |
- चुनाव में सपा तीसरे और आम आदमी पार्टी पांचवें स्थान पर रही थी।
- गौरतलब है कि 2014 में 15 साल बाद यह सीट बीजेपी के खाते मैं आई थी |
मुकाबला 2019, जौनपुर की सियासत
- अगर बात इस बार के लोकसभा चुनाव की हो तो बता दें यह लोक सभा चुनाव काफी रोमांच भरा होने वाला है |
- इस बार के चुनावी मैदान में गठबंधन मध्य चुनावी राजनीति का रणभूमि होने वाला है |
- सभी पार्टियों ने पूरे दिलो जान से लोकसभा की इस सीट पर कब्जा करने के लिए ताकत झोंक दी है।
- अभी जनपद कि इस गद्दी पर बीजेपी का कब्जा है।
- पिछले चुनाव में यहां बसपा खाता तक नहीं खोल सकी लेकिन इस बार प्रदेश की सियासी सूरत में परिवर्तन की डगर देखी जा रही है।
- अगर बात कांग्रेस की करें तो अपने अस्तित्व की जंग काफी समय से लड़ रही है।
- बात अगर इस बार के लोकसभा चुनाव की की जाय तो कांग्रेस की राह आसान नहीं होगी |
- खासकर सपा-बसपा गठबंधन के बाद बीजेपी से कहीं ज्यादा बड़ी चुनौती कांग्रेस के सामने है।
- ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रियंका गांधी ऐतिहासिक शहर कहे जाने वाले जौनपुर सीट पर कांग्रेस के लिए कोई करिश्मा कर पाती हैं या नहीं |
- फ़िलहाल प्रियंका गांधी के आने से कुछ उम्मीद देखी जा सकती है।
- वही यहां जनता का नजरिया कुछ गठबंधन के साथ तो कही कुछ भाजपा के साथ है |
- कुछ का कहना है यहां जाति की राजनीति होती है |
- अब तो आगामी चुनाव ही सामने कर देगा कि किसका पलड़ा भरी है |
पाच सालों में हुए जनपद के विकास की जुबानी जनता को ही बतानी
- जनता से पूछे गए सवालों में जनता ने पांच साल के कार्यकाल को काफी सराहा है |
- वहीं कुछ ने सुरक्षा के दृष्टिकोण पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं |
- कुछ का कहना है कि कार्यकाल तो काफी अच्छा लगा लेकिन सुरक्षा के मामले में सरकार फीकी पड़ गई |
- कुछ ने भाजपा सरकार को सराहा भी है |
- फिलहाल देखना यह होगा कि क्या नियति अपना पासा पलटती है या नहीं |
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