पुलवामा हमले के बाद पूरा देश गमगीन और आक्रोशित है। सीआरपीएफ के जवानों की शहादत की खबर जैसे-जैसे उनके घर पहुंची वहां मातम पसर गया। पूरा देश इन जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है। लोग सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं जाहिर कर रहे हैं। यदि आप भी इन वीर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में अपनी शोक संवेदना व्यक्त कर सकते हैं।
राजधानी लखनऊ में हजरतगंज स्थित गाँधी प्रतिमा पर बीएड टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों ने मौन धारण कर शहीदों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा के दौरान अभ्यर्थियों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। वहीं शहर के पत्रकारों ने शहर का दर्पण समाचार चैनल के एडिटर इन चीफ आरके पाल के नेतृत्व में, शिवा शर्मा, महेंद्र प्रताप सिंह, सानू, कफील, जुहैब, आशीष, रवि कुमार, सुधीर कुमार, अमित सिंह, सहित भारी संख्या में पत्रकारों ने गाँधी प्रतिमा पर कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि दी। वहीं, शहीद स्मारक पर हिंदुस्तान समाचार पत्र के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
बीएड टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों ने कहा कि पिछले 7 वर्षों से सरकार और कोर्ट की प्रक्रिया की वजह से सभी मानक पूरी करने के बावजूद अब तक नियुक्ति से वंचित हैं। वर्तमान सरकार में कई बार आश्वासन मिले लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। इस पर में मुख्यमंत्री से 4 बार मुलाकात की गई और समस्याओं को गंभीरता से लिए लेते हुए नियुक्ति में आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई। एक मीटिंग 20 अगस्त 2018 को हुई इसमें इन लोगों ने अपनी बात और अपना पक्ष मजबूती से रखा।
जिसका कोई भी संतोषजनक उत्तर बेसिक शिक्षा के अधिकारियों ने नहीं दिया और फिर से नई प्रक्रिया में उलझाने की बात की गई। अधिकतर लोग 7 वर्षों की लंबी अवधि बीत जाने के कारण अधिकांश उम्र सीमा को पार कर चुके हैं। और अब आगे भी नई प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाएंगे और ना ही आर्थिक रूप से सक्षम बचे हैं। दिसंबर 2012 से ही आवेदन शुल्क के रूप में औसतन 35000 रुपये प्रति अभ्यर्थी ने जमा किए हैं और इनकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले पर अंतिम फैसला सुनाते हुए सरकार को नए विज्ञापन पर भर्ती के लिए लिबर्टी प्रदान की।
बता दें कि गुरुवार को पुलवामा में सीआरपीएफ के वाहनों को निशाना बनाकर आत्मघाती विस्फोट किया गया। इस हमले में कम से कम 37 जवान शहीद हो गए। करीब 78 वाहनों में सीआरपीएफ के जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे। तभी विस्फोटकों से लदी एक स्कॉर्पियो ने बस में टक्कर मार दी। यह विस्फोट इतना भीषण था कि इसकी गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।
इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों और उनके आकाओं को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि आतंकियों के आकाओं ने बहुत बड़ी गलती की है और उन्हें इसकी सजा मिलेगी। पीएम ने कहा कि हमने सुरक्षा बलों के खुली छूट दे दी है। भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान को दिया गया एमएफएन दर्जा वापस ले लिया है। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से जवानों और सरकार के साथ है।
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