रेल हादसों की जिम्मेदारी लेते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने बुधवार को केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु को अपना इस्तीफा सौंप दिया (Kaifiyat derailment Auraiya). मित्तल का इस्तीफा तब सामने आया है जब चार दिन के भीतर ही यूपी के दो जनपदों मुजफ्फरनगर व औरैया में दो बड़े रेल हादसे हुए हैं.
रेल हादसों पर चौतरफा फजीहत झेल रहा मंत्रालय
- दरअसल, बीते 19 अगस्त को मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र में पुरी से हरिद्वार को जा रही उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 24 लोगों की मौत हुई थी जबकि बड़ी संख्या में घायल हुए थे.
- इस बीच तमाम आरोपों से जूझ रहे रेल मंत्रालय के लिए दिक्कत तब और बढ़ गई जब बुधवार को तड़के ही औरैया में कैफियत एक्सप्रेस भी दुर्घटना की शिकार हो गई.
- इसके बाद चौतरफा रेल मंत्रालय और उसके कामकाज के तरीके को लेकर सवालों की झड़ी लग गई.
- ऐसे में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल का इस्तीफा इस बात को उजागर करता है कि रेलयात्राओं में हो रहे हादसों के लिए अब जिम्मेदारों की चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं.
- एके मित्तल ने मीडिया के बढ़ते सवालों के बाद बुधवार को करीब 12 बजे केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
12 डिब्बे पटरी से उतरे:
- कैफियत ट्रेन हादसे में इंजन के साथ 12 डिब्बे पटरी से उतरे.
- जिनमें 5 AC,2 स्लीपर,4 जनरल,1 SLR कोच डिरेल हुए.
- कमिश्नर कानपुर जोन पीके महंती घटनास्थल पहुंच चुके थे.
- बचाव जारी है और किसी की मौत नहीं हुई है.
- वहीँ DRM इलाहाबाद का बयान भी आया है.
- उन्होंने कहा है कि अनाधिकृत रूप से रेलवे ट्रैक पर पहुंचा था डंपर.
- डंपर (Kaifiyat derailment Auraiya) मालिक के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा.