गोमती नगर के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एक के बाद एक गुर्दा प्रत्यारोपण हो रहे हैं। गुर्दा प्रत्यारोपण करने वाले डॉक्टर्स भी मीडिया के माध्यम से इस सर्जरी की खूब वाहवाही लूट रहे हैं। लेकिन, आपको बता दें की जिस मरीज में उन्होंने गुर्दा ट्रांसप्लांट किया वो संक्रमण के कारण बीते 17 दिन से संस्थान में भर्ती है। मरीज को काफी परेशानियां हो रही हैं। जिसके चलते वह एक बार फिर इलाज करवाने को मजबूर हैं।
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फिर कराई गयी हैं जांचें
- पेशेंट ओम प्रकाश के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है।
- जानकारी के मुताबिक, किडनी ट्रांसप्लांट की वजह से उन्हें संक्रमण हो गया।
- इस वजह से लोहिया संस्थान में बीते 17 दिनों से इलाज करवा रहे हैं। जिसमें उनके रुपए भी जाया हो रहे हैं।
- बीते 22 मार्च को फैजाबाद के बंदौली गांव निवासी ओम प्रकाश का प्रत्यारोपण किया गया था।
- लवकुश नगर में रह रहे ओमप्रकाश का लगातार लोहिया संस्थान से इलाज चलता रहा है।
- लेकिन, उन्हें पूरी तरह से अब तक आराम नहीं मिल सका है।
- लगभग एक माह पहले उन्हें खाने में भी बेहद परेशानी होने लगी है।
- ओम प्रकाश ने बताया कि जांच में क्रेटनिन बढ़ा हुआ पाया गया।
- परिजनों के मुताबिक, चिकित्सकों ने संक्रमण की बात कहते हुए भर्ती होने की सलाह दी।
- इस वजह से वह बीते 17 दिन से यहां चौथे तल पर आईसीयू के बिस्तर नंबर तीन पर भर्ती हैं।
- ओम प्रकाश ने बताया कि अभी कुछ जांचों की रिपोर्ट आनी है जिसके आधार पर इलाज किया जाएगा।
- वहीं, परिवारीजन लगातार तकलीफ बनी होने की वजह से बेहद परेशान हैं।
- उनका कहना है कि हमें लग रहा था कि ट्रांसप्लांट के बाद सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।
- लेकिन ऐसा न हुआ। अब देखिए कब तक इलाज चलता है।
- इलाज कर रही नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. नम्रता से बात की गई तो उन्होंने मरीज की जानकारी देने से इनकार कर दिया।
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ट्रांसप्लांट में तो नहीं हुई कोई लापरवाही
- एक के बाद एक जिस तरह से लोहिया संस्थान में ट्रांसप्लांट किये गए।
- ऐसा लगा मानों किडनी ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में काफी कार्य करेंगे।
- हालांकि शुरुआती तौर में ट्रांसप्लांट के लिए पीजीआई से भी डॉक्टर बुलाये गए।
- ऐसे मेें अब उक्त मरीजों से परेशानियां उभरना, सवाल खड़े कर रहा है।
- कारण, जब रोगी लगातार संस्थान में ही इलाज करवा रहा था तो उसे संक्रमण कैसे हो गया।
लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. दीपक मालवीय ने कहा कि ये मेरी जानकारी में नहीं है। - ट्रांसप्लांट का रिएक्शन होता है। इलाज के दौरान डॉक्टर जिसका ध्यान रखते हैं।
- मैं मरीज व उसके उपचार को देखकर ही बता पाऊंगा कि आखिर उसे क्यों भर्ती किया गया है।ये भी पढ़ें : विश्व में भारत सबसे युवा देश- CM योगी