उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही पिछले दिनों योजना भवन में एंटी भू-माफिया वेबसाइट का उद्घाटन कर भू-माफियाओं पर अंकुश लगाने का दावा किया हो कि एंटी भू माफिया टास्कफोर्स ने अब तक 43 हजार हेक्टेयर जमीन को कब्जों से मुक्त कराया है। हम दिसंबर में इस पर एक बड़ा अभियान भी शुरू करने जा रहे हैं। लेकिन गरीबों की भूमि पर कब्जा कोई और नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारी ही करवा रहे हैं।
जी हां! ये हम नहीं बल्कि सीतापुर जिला में एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। यहां लहरपुर की उप जिलाधिकारी पूर्णिमा सिंह पर दलितों की जमीन कब्जा करवाने का आरोप लग रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि एक महिला एसडीएम ही दलित महिलाओं पर भी दबंगो से साठगांठ करके कहर ढहा रही है। आला अधिकारियों से शिकायत के बावजूद इस महिला अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या दलितों को उनकी जमीन मिल पायेगी या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा।
जानकारी में मुताबिक, मामला लहरपुर कोतवाली क्षेत्र तहसील लहरपुर जिला सीतापुर का है। यहां खलिहान की जगह पर है ग्राम सभा गणेशपुर नेवादा के रहने वाले कादिर पुत्र नवाब अली अपने अन्य सहयोगियों के साथ लगभग एक महीना पहले कब्जा कर रहे थे। इसकी सूचना उप जिलाधिकारी लहरपुर को दी गई। परंतु किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हो पाई। इसकी रंजिश रखते हुए कादिर अन्य सहयोगियों के साथ दलितों पर अत्याचार करने लगा।
आरोप है इस दबंग ने महिलाओं को मारा पीटा। इसकी सूचना कोतवाली प्रभारी इंद्रजीत सिंह को दी गई। परंतु किसी भी प्रकार की कार्यवाही ना होने से शनिवार को भी मारा पीटा गया। कारण यह है कि कादिर भूमाफिया किस्म का व्यक्ति है। इसलिए प्रशासन उसके हाथ में SDM लहरपुर योगी सरकार की हर एक पहल को पलीता लगा रही हैं। लोगों का कहना है कि सरकारी जमीने मुक्त करवाना SDM तहसीलदार का कार्य होता है। परंतु इसमें जन सहयोग भी होने के कारण कादिर से सांठगांठ करके सरकारी जमीन खाली नहीं कराई गई। बल्कि दलितों पर कहर बरसाया गया।