केजीएमयू में लगातार खतों के पहुंचने से हड़कंप मचा हुआ है। ताजा मामला वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष व पूर्व सीएमएस डॉ. एससी तिवारी का है। डॉ. तिवारी के नाम से एक पत्र आया है। इसमें केजीएमयू कुलपति के चयन को लेकर तमाम तरह के आरोप लगाये गये हैं। साथ ही उच्च पदों पर तैनात अधिकारियों की भर्ती से जुड़े कई और मसले भी शामिल हैं।
डॉ. तिवारी के हस्ताक्षर से जारी ये पत्र मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी भेजा गया है।
ये भी पढ़ें :KGMU के डॉक्टरों ने 10 घंटे की सर्जरी के बाद जोड़ा लड़की का हाथ
पहले भी आ चुके हैं ऐसे ख़त
- इतना ही नहीं इस पत्र की फोटो कॉपी बकायदा कई विभाग में डॉक्टरों के पास भेजी गयी।
- इससे केजीएमयू में खलबली मच गयी है। इससे पहले भी तमाम गुमनाम खत अधिकारियों के होश उड़ा चुके हैं।
- केजीएमयू में ज्यादातर डॉक्टर असली-नकली गुमनाम शिकायतों को लेकर उलझे हुए हैं।
- मरीजों की पीड़ा दरकिनार कर डॉक्टर पत्रों के पीछे भाग रहे हैं। मरीज इलाज के लिए भटक रहा है।
- विभाग से लेकर ओपीडी तक में मरीजों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
- आपको बता दें कि इससे पहले दो पत्र और आये थे।
- जिसमें केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ रविकांत के खिलाफ जांच के आदेश दिए गये थे।
- बाद में पता चला था कि जिस सांसद के नाम से ये शिकायत आयी थी उन्होंने वो पत्र लिखा ही नहीं था।
ये भी पढ़ें :KGMU: इस मरीज को सर्जरी से मिला नया जीवन
- दूसरा गुमनाम पत्र कुलपति के चयन और नौकरी संबंधी तमाम राज को फाश करने का खत 28 अगस्त को जारी हुआ।
- इस पत्र में केजीएमयू के उच्च पदों पर तैनात अधिकारियों के खिलाफ बताया गया था।
- इस खत को मानसिक स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष ने फर्जी करार दिया था।
ये भी पढ़ें :KGMU: दूरबीन विधि से डॉक्टरों ने निकाली गले की गांठ