राजधानी में हाल ही में लखनऊ मेट्रो का शुभारम्भ किया गया था. हालांकि मेट्रो सार्वजनिक परिवहन के लिहाज़ से काफी सुविधा जनक है लेकिन इसके किराए की तुलना अगर परिवहन के अन्य माध्यमों से की जाए तो आप पायेंगे कि अन्य माध्यमों के मुकाबले लखनऊ मेट्रो का किराया काफी ज्यादा है.
- ऐसे में पब्लिक भी अब मेट्रो की जगह पुराने परिवहन साधनों की तरफ मुड़ती हुई नज़र आ रही है.
- इसके अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले 3 दिनों में मेट्रो से सफ़र करने वालों की संख्या में लगभग 10 हज़ार की गिरावट आई है.
ये भी पढ़ें :अजब उत्तर प्रदेश में बारिश का ‘गजब खेल’!
दिल्ली के मुकाबले ज्यादा महँगा है लखनऊ का मेट्रो सफ़र-
- देश की राजधानी दिल्ली के मुकाबले लखनऊ मेट्रो के किराए काफी ज्यादा है.
- बता दें कि दिल्ली मेट्रो से 5 किमी से 12 किमी तक का किराया मात्र 20 रूपए है.
- जबकि लखनऊ मेट्रो में सीएफ 8 किमी के लिए ही लोगों से 30 रूपए वसूले जा रहे हैं.
- जब की ये किराया दिल्ली में 12 किमी से 21 किमी की दूरी के लिए लिया जाता है.
रोजाना कम हो रही सफ़र करने वालों की संख्या-
- लखनऊ मेट्रो को 6 सितम्बर से लोगों के लिए शुरू कर दिया गया था.
- बता दें कि 6 सितम्बर को लखनऊ मेट्रो में 31,688 लोगों ने सफ़र किया था.
- इसके ठीक अगले दिन यानी 7 सितम्बर को यात्रों की संख्या में लगभग 3500 की गिरावट आई थी.
ये भी पढ़ें : दिल्ली जंतर मंतर पर धरना देंगे यूपी के शिक्षामित्र
- बता दें कि 7 सितम्बर को लखनऊ मेट्रो में 28216 लोगों ने सफ़र किया था.
- वहीँ तीसरे दिन ही यात्रियों की संख्या का ये अंतर 10 हज़ार के करीब पहुँच गया.
- बात दें कि 8 सितम्बर को लखनऊ मेट्रो में मात्र 21811 लोगों ने सफ़र किया.
- जो की पहले दिन के मुकाबले 9857 कम है.
मेट्रो का बार बार ख़राब होना भी है संख्या के गिरने का कारण-
- मेट्रो में यात्रियों की संख्या लगातार कम हो रही है.
- इसका एक कारण जहाँ मेट्रो का महँगा किराया है वहीँ दूसरा कारण मेट्रो का बार बार ख़राब होना भी है.
- बता दें कि मेट्रो की शुरुआत में हर 7 मिनट पर मिलने की बात कही गई थी.
- लेकिन मेट्रो के बार बार खराब होने से ये अंतराल 13-15 तक का हो गया है.
- जिसके चलते भी यात्री परिवहन के अन्य साधनों की तरफ मुड़ते नज़र आ रहे हैं.