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देश भर में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से दूर रखने के लिए जहाँ केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा टीवी और अन्य संचार माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीँ जिला स्तर पर लोगों के पास जा कर उन्हें कुपोषण से बचने की जानकारी दी जा रही है. यही नही प्रदेश स्तर पर लोगों को बेहतर सुविधाएं देने का भी हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. लेकिन इन सब के बावजूद कुपोषण की स्थिति जस की तस बनी हुई है. पीएम मोदी के सांसद हरिनारायण राजभर के गोद लिए गाँव डुमराव का हाल भी कुछ ऐसा ही है.
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जिंदगी और मौत से जूझ रहे डुमराव गाँव के कुपोषित बच्चे
- मोदी सरकार द्वारा सभी राज्यों के स्वास्थ्य पर करोडो रुपये की योजनाये बना कर पैसा खर्च किया जाता है.
- लेकिन पीएम के सांसद हरिनारायण राजभर के गोद लिए गाँव डुमराव का हाल ये है की यहाँ बच्चे बुरी तरह कोपोषण के शिकार है.
- बता दें कि हरिनारायण राजभर मऊ जनपद के घोसी से सांसद है.
- गाँव डुमराव के कुपोषित बच्चे मऊ जनपद के कुपोषण पुनर्वश केंद्र में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
- इन बच्चो का हाल देखने के बाद तो यही लगता है की केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से चलाये जाने वाली स्वाथ्य योजनायें केवल कागजी खानापूर्ति में ही लिप्त हो के रह जा रही है.
- इन स्वाथ्य योजनाओं का धरातल से इसका कोई लेना देंना नहीं है.
- ऐसे में एक सवाल ये भी उठता है कि जब देश के सबसे पवित्र मंदिर माने जाने वाले संसद का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद के गाँव में ही बच्चे कुपोषित पाए जायेंगे तो फिर देश को कुपोषण से मुक्त कैसे किया जा सकेगा.
- गाँव डुमराव की महिलायों का आरोप है की अभी तक उनका राशन कार्ड भी नहीं बना है.
- ऐसे में एक सवाल ये भी उठता है की उन्हें जन कल्याणकारी योजनाये और खाद्यान कैसे मिल पायेगा.
वीडियो में देखिये कुपोषित बच्चों का हाल
https://www.youtube.com/watch?v=LLuzKYepnkA&feature=youtu.be
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