मुंबई की हाजी अली दरगाह में महिलाओं को इबादत का हक़ दिलाने की मुहीम पर बात करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हाजी अली में महिलाओं के प्रवेश का मामला एक धार्मिक मामला है जिसका समाधान धर्म के नियमो के आधार पर होना चाहिए।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मुद्दे पर आगे कहा कि हर धर्म के अपने रिवाज होते है।इसलिए ऐसे मामलो में हस्तक्षेप करना सही नहीं है। यह मामला उस धर्म के धर्मगुरुओं के ऊपर छोड़ देना चाहिए। मायावती के अनुसार महिलाओं को पुरुषो के साथ बराबरी करने का अधिकार जरुर मागना चाहिए लेकिन का तरीका भी सही होना बहुत जरूरी है।
गौरतलब है कि मुंबई की हाजी अली दरगाह में महिलाओं को इबादत करने का अधिकार नही है। शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश दिलाने के बाद तृप्ति देसाई ने अब मुंबई की हाजी अली दरगाह में महिलाओं को इबादत का हक़ दिलाने की मुहीम छेड़ी है। उनकी इस मुहीम को तमाम मुस्लिम दलों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और दूसरे मुस्लिम धार्मिक संगठन ने तृप्ति देसाई को जान से मरने की धमकी भी दी है जिसके बाद से हाजी अली के आस-पास चौकसी बढ़ा दी गई है।