सांसद आदर्श ग्राम योजना बहरावद का हाल
- अलीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सपना देखा था कि उनके सांसद पांच साल में कम से कम पांच गाँवों को आदर्श गाँव बना सकें।
- गाँवों का विकास होगा।
- हर तरह की सुविधा होगी।
- अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने तीन साल पहले जब अतरौली विधानसभा क्षेत्र के गाँव बहरावद को गोद लिया था
- तब लोगों से वादा किया था कि हर साल गाँव का जन्मदिन धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।
- ग्रामीणों का कहना है कि तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि सांसद इतनी जल्दी इस गाँव को सौतेला बनाकर छोड़ देंगे।
- जन्मदिन मनाना और विकास कराना तो दूर ग्रामीणों को दु:ख बस इसी बात का है कि सांसद दो साल से गाँव में झांकने तक नहीं आए।
- बहरावद गाँव के प्रधान ने बताया, “मेरे गाँव को सांसद आदर्श गाँव के रूप में चुना गया था, लेकिन सांसद निधि या किसी सरकारी योजना से गांव में कोई विकास नहीं हुआ।”
- केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार है। सांसद ने गांव को आदर्श बनाने का वादा किया था जो पूरी तरह से झूठा साबित हुआ।”
- भारत के एक लाख गांवों में पानी की समस्या पर काम करेंगे ‘कृषि जलदूत’ वहीं इसी गाँव के निवासी ज्ञान सिंह (55 वर्ष) ने बताया,“
- सांसद ने हर घर को तुलसी के पौधे देने का वादा किया था।
- उस वादे को भी पूरा नहीं कर सके। विकास क्या खाक कराएंगे।”
- सांसद ने वादा किया था कि वह यहां की महिलाओं को गुजरात के मॉडल गाँव दिखाकर लाएंगे।
- अपनी बदहाली की कहानी खुद बयान कर रहा ये गाँव।
- लगता है सांसद खुद गुजरात जाकर बस गए हैं।” बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हर गाँव को स्मार्ट विलेज बनाएंगे।
- सांसदों से अपील की थी कि एक साल में एक गाँव को आदर्श गाँव के रूप में विकसित करें।
- विकास की बात करें तो गाँव के हालत उससे भी बदतर हो गए हैं जो गोद लेने से पहले था, क्योंकि तब से विकास तो दूर नाली की मरम्मत तक नहीं हुई।
- गांव वाले कहते हैं कि इससे बेहतर होता कि इस गांव को गोद न लिया जाता।
- संपर्क मार्ग उखड़े पड़े हैं।
- बाईपास मार्ग पर कूड़े के ढेर पड़े हैं।
- तालाब गंदगी से पट गए हैं।
- नालियों से कीचड़ की बदबू आ रही है। हम खुद साफ करते हैं नालियां और गलियां
- बिजली की लाइनें जर्जर हैं।
- सिर्फ 10 सौर ऊर्जा लाइटें ही लगी हैं।
- ग्रामीणों का दर्द इतना है कि विकास तो दूर की बात है कम से कम सांसद इस गांव के लोगों से जुड़े तो रहते।
- गाँव कनेक्शन एप सांसद सतीश गौतम नेबताया, “ लोकसभासपा सरकार के कारण बहरावद में विकास कार्य नहीं हो सका।
- सरकार का सहयोग नहीं मिला अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है और ना सिर्फ बहरावद बल्कि क्षेत्र के तमाम गाँवों में विकास कार्य तेजी से होंगे।
- अगले एक साल में फर्क दिखने लगेगा।
- गांव में विकास कार्य नहीं होने का मलाल बहरावद के हरेेक वाशिंदे को है।
- सब को उम्मीद थी कि गांव गोद लेने के बाद सांसद सतीश गौतम के निर्देश पर तेजी से विकास कार्य होगा।
- लोगों का जीवनयापन स्तर ऊपर उठेगा,
- लेकिन अफसोस कि ऐसा कुछ नहीं हो सका।
- वर्ष 2014 में इस गांव को गोद लेने के बाद से पूरे पौने चार साल बीत चुके हैं, लेकिन इसकी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ।
- उल्टा हालात बद से बदतर हो गए।
- गांव वाले प्रशासन और शासन से लड़ झगड़ कर इसका विकास खुद ही करा लेते।
- प्रधान, पंचायत सचिव और दूसरे अधिकारियों पर काम कराने के लिए दबाव बनाया जाता।
- कुछ तो होता लेकिन गोद लेने के बाद कुछ नहीं हुआ।
- चार साल बीत गए हैं गांव को गोद लिए हुए।
- हम ये नहीं समझ पा रहे हैं कि गोद लेने की जरूरत क्या थी, जब कुछ करना नहीं था।
- हम सब गांव वालों को धोखा दिया गया है। अब हमें नेताओं से सजग रहने की जरूरत है।
- पूरे गांव में महिलाएं, पुरुष और बच्चे उखड़े हुए खड़ंजे से परेशान हैं।
- वोट लेने के बाद नेता की चाल कैसे बदल जाती है, यह हमने बहुत करीब से देखा और महसूस किया है।
- अब हमें अपनी गलती का अहसास भी होता है।
- गांव के अशोक कुमार कहते हैं कि वो खुद अपने घरों के सामने की नालियां साफ करते हैं।
- कूड़ा उठाते हैं। क्योंकि सफाई कर्मी कभी नहीं आता।
- उसने एक लड़का लगा दिया है, जो कभी कभार सफाई कर जाता है।
- उस सफाई कर्मी की शिकायत कई बार हुई लेकिन वो बड़े नेताओं का चहेता इसलिए उस पर कार्रवाई नहीं होती।
- गांव के प्रधान ने बताया कि उज्जवला गैस योजना के तहत पूरे गांव में कोई भी कनेक्शन नहीं दिया गया है।
- इस संबंध में सांसद सतीश गौतम ने जब कनैक्शन लेने वालों को संख्या पूछी थी तो बताया गया था कि गांव में पूर्व से ही गैस उपभोक्ता हैं। कुछ लोग नियमानुसार उज्जवला गैस कनेक्शन के लिए पात्र श्रेणी में आते हैं, इसके बावजूद भी उनको उज्ज्वला गैस कनेक्शन नहीं दिया गया है।
- इससे ठीक विपरीत जिला आपूर्ति अधिकारी नीरज सिंह कहते हैं कि गांव में उज्जवला गैस कनेक्शन के लिए गांव में दो बार शिविर लगाया गया। वहां पात्र लोगों को इस योजना से लाभान्वित किया गया, जिसका रिकार्ड मौजूद है।
- आखिर सांसद क्यों
नहीं काम कर पाए..?
गांव के ही सोमवीर सिंह कहते हैं कि हमारी समझ में नहीं आया कि आखिर सांसद यहां कोई काम क्यों नहीं करा पाए! - सांसद अगर कुछ नहीं कर पाए तो कम से कम देख तो लें आकर कि गांव का क्या हाल है?
- गांव वाले कैसे जीवन यापन कर रहे हैं।
- संजीव कुमार बघेल कहते हैं कि हम गांव वालों का दोष यही है कि हम सब नेताओं की बातों और उनके वादों पर भरोसा कर लेते हैं।
- अगर भरोसा न करें तो किसी नेता की हिम्मत नहीं है कि वह झूठे वादे कर जाए।
- अब हमें इस बारे में सोचना चाहिए।
- हमें ये भी सोचना चाहिए कि नेता के आगे पीछे घूमने से भी कुछ नहीं होता है।
- इससे सिर्फ नेता का ही रसूख बनता है, गांव या गांव वालों का नहीं।
- भाजपा की सरकार बनने के बाद बहरावाद का दौरा जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी कर चुके है। विकास कार्य जल्द शरू होने वाला है।”
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