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मुजफ्फरनगर दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री सोशल मीडिया पर वायरल!

muzaffarnagar riots

27 अगस्त 2013 से उत्तरप्रदेश के मुज़फ्फरनगर में हुए हिंसक दंगे आज भी देखने और सुनने वालों की रूह कंपा देते हैं. इस जिले में होने वाले यह दंगे इतने भयावह थे कि जब-जब लोगों की ज़बान पर इसका ज़िक्र आता है तो केवल एक ही ख्याल ज़हन में आता है कि इस देश में इंसान के जीवन का कोई मूल्य है भी या नहीं. दरअसल यह दंगे कोई मामूली दंगे नहीं थे, इस भयावह कांड की आग तब लगी जब जिले में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान उठने लगे.

जैसा कि सब जानते हैं उत्तरप्रदेश महिलाओं से जुड़े अपराधों की फेहरिस्त में सबसे ऊपर आता है, इसी क्रम में इस जिले में वर्ष 2013 एक कलंक की तरह सामने आया जिसमे महिलाओं के साथ होने वाले अपराध सबसे ज़्यादा थे. आये दिन कोई ना कोई महिला या लड़की छेड़खानी व दुष्कर्म का शिकार बनती थी. परंतु क्षेत्र की पुलिस की लचर सुरक्षा व्यवस्था के चलते सभी आरोपी खुले घुमते थे. मुज़फ्फरनगर के दंगों पर बनी एक ‘डॉक्युमेंट्री’ इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसने भी इस डॉक्युमेंट्री को देखा है, वह स्तब्ध रह गया है.

जब दंगे की आग में जला था मुज़फ्फरनगर :

 

Paavni Productions के इस डाक्यूमेंट्री को सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है, जिसमें मुज़फ्फरनगर दंगे का रूप दिखाया गया है. दंगे के बाद तत्कालीन राज्य सरकार पर लचर कानून व्यवस्था को लेकर आरोप भी लगे. पूरे मुद्दे पर जमकर राजनीति हुई और शायद हमारे देश की राजनीति का अहम हिस्सा बन चुके इस प्रकार के प्रकरण से नेताओं की बांछे खिल जाती है और वोट साधने का एक तरीका उन्हें मिल जाता है लेकिन अगर किसी को कुछ नहीं मिलता है तो वो हैं दंगों में अपनों को खोने वाले परिवार. जिनके जेहन में दंगों की आग जलती रहती है और न्याय के इंतजार में ऑंखें तरसती रहती हैं. सवाल वही फिर ‘क्यों होते हैं दंगे?’

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