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लखनऊ के पार्कों में हो रही अश्लीलता से स्थानीय लोग बहुत परेशान

obscene scenes at public parks in uttar pradesh lucknow

राजधानी लखनऊ के अधिकतर पार्कों में हो रही अश्लीलता के चलते आसपास के घरों में रहने वाले लोग बेहद परेशान हैं। सैकड़ों परिवारों के लिए युवा वर्ग से लेकर अधिक उम्र के आदमी भी मुसीबत बने हुए हैं। रोजाना सुबह से ही इन पार्कों में प्रेमी जोड़े आपत्तिजनक स्थिति में देखे जा सकते हैं, लेकिन इनको कोई रोकने टोकने वाला तक नहीं। आरोप है कि इस काम में आम आदमी ही नहीं बल्कि एंटी रोमियों में तैनात पुलिसकर्मी और होमगार्ड भी आपत्तिजनक स्थिति में देखने को मिले। पार्कों की हालत ऐसी है कि शब्दों में कह पाना मुश्किल है। इन पार्कों में आपत्तिजनक स्थित में बैठे जोड़ों की तस्वीरें भी ऐसी हैं जिन्हें हम आप को नहीं दिखा सकते। लेकिन पार्कों के आसपास रहने वाले लोगों ने जो दर्द बताया है उसे हम आप के समक्ष रख रहे हैं।

बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी को गांधीगिरी सिखा रही टीम

दरअसल समाज में जागरूकता और लगातार गरीबों और असहाय लोगों की मदद के लखनऊ में पॉवर विंग संस्था काम कर रही है। संस्था की अध्यक्ष सुमन रावत हैं, जिनके काम और सोशल मीडिया पर चौकन्ने रहने के चलते लगातार उनसे लोग जुड़ रहे हैं। सुमन रावत ने खास बातचीत के दौरान बताया कि उनकी संस्था से सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं। जो लगातार दिन हो या रात समाज सेवा करते रहते हैं। पॉवर विंग इन दिनों शहर के पार्कों के आसपास रहने वाले लोगों के लिए मसीहा बना हुआ है। संस्था के वॉलेंटियर पार्कों में जाकर प्रेमी जोड़ों को खदेड़ने का काम कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें पार्कों में युवा, छात्र, छात्राएं यहां तक कि बुजुर्ग तक बेहद आपत्तिजनक स्थिति में मिल रहे हैं। लेकिन संस्था की टीम इन्हें गांधीगिरी करके खदेड़कर भगा रही है। एनजीओ की अध्यक्ष ने बताया कि ये अभियान लगातार चलेगा। टीम रोजाना एक पार्क का भ्रमण कर शोहदों को भगाने का कार्य कर रही है।

Power Wings Foundation Suman Rawat

सोसाइटी के लोग टीम को करेंगे सम्मानित

सुमन रावत ने बताया कि पार्कों के आसपास रहने वाले लोग बेहद परेशान हैं। टीम ने लोहिया पार्क से जब अश्लीलता कर रहे जोड़ों को खदेड़ा तो आसपास के लोगों ने उन्हें धन्यवाद कहा। इंदिरानगर के सेक्टर 25 स्थित पार्क के आसपास रहने वाले लोगों ने भी टीम को सम्मानित करने की बात कही है। लोगों का कहना है कि ये संस्था पार्कों की गंदगी दूर करने का काम कर रही है, टीम का कार्य वास्तविक सराहनीय है।

युवा पीढ़ी देखकर हो रही शर्मिंदा

पार्कों के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि उनके बच्चे पार्कों में हो रही हरकत को देखकर शर्मिंदा हो रहे हैं। बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कई परिवारों ने तो पार्क में अश्लीलता फ़ैलाने वाले लोगों का वीडियो बनाकर पुलिस से रोकने की गुहार लगाई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बताया जा रहा है कि पार्कों में ये काम सुबह से ही शुरू हो जाता है।

स्कूल ड्रेस में आने पर प्रतिबंध, फिर भी हो रही एंट्री

सुमन रावत ने बताया कि इंदिरानगर में पिकनिक स्पॉट में स्कूली ड्रेस में छात्राओं के आने पर प्रतिबंध है फिर भी चंद पैसों के लालच में सुरक्षा गार्डों की मिली भगत से उन्हें एंट्री दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्कों के भीतर सिक्योरिटी गार्ड पैसे लेकर इन प्रेमियों की रखवाली के लिए शाम को लाइट तक बंद कर देते हैं। पार्क के बाहर पुलिस की डॉयल 100 गाड़ी मुस्तैद रहती है लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता सिर्फ तमाशा देखते रहते हैं।

अगर परिवार पार्कों में जाये तो होती है शर्मिंदगी

सुमन रावत ने बताया कि पार्कों में परिवार जाने से कतराते हैं। पार्कों में लोग जाने से इसलिए कतराते हैं क्योंकि अगर परिवार के साथ जायें तो यहां की गंदगी देखकर छोटे-छोटे बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। शहर के प्रमुख पार्कों का यही हाल इन पार्कों में गोमतीनगर, इंदिरानगर, दुबग्गा, हजरतगंज, आशियाना, पीजीआई सहित कई इलाकों के पार्क शामिल हैं।

गलत दिशा में जाकर पैसे कमा रहे स्कूली बच्चे

सुमन रावत की टीम ने जब बेहद आपत्तिजनक स्थिति में स्कूली लड़के और लड़कियों को देखा तो उनकी टीम सन्न रह गई। उन्होंने जब विशेषज्ञों से इन प्रेमियों की मानसिकता के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि ये युवा शाही खर्चे के चलते इस ओर भाग रहे हैं। उन्हें पता ये भी चला है कि ये युवा छात्र अश्लील वीडियो अपना चेहरा आये बगैर बनाकर कुछ विदेशी साइटों पर लोड करते हैं। इसके लिए उन्हें हिट के रूप में पैसे मिलते हैं अर्थात जितने ज्यादा लोग वीडियो को देखेंगे उतने अधिक पैसे इनके खाते में सीधे आ रहे हैं।

पार्कों के रखरखाव में लगता है बहुत पैसा

लोगों का कहना है कि पार्कों में सरकार के द्वारा रखरखाव के लिए करोड़ों रुपये हर महीने खर्च किये जाते हैं लेकिन पार्कों में फ़ैल रही अश्लीलता के चलते लोग अपने परिवार के साथ जाने से सहमें रहते हैं। पार्कों को छोड़ लोग माल और रेस्टोरेंट में जाना पसंद कर रहे हैं। शायद यही वजह है कि पर्यटक पार्कों की और रुख नहीं कर रहे हैं। बता दें कि इस खबर का मतलब किसी की भावनाओं का ठेस पहुंचाना नहीं है बल्कि ये एक समाज के लिए संदेश है कि सार्वजनिक स्थान पर ऐसी हरकतों से बचें जिनसे किसी को आपत्ति ना हो।

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