बागपत जिले के एक गाँव ने आवारा गायों से अपनी फसलें बचाने और उनकी देखभाल को लेकर एक नई पहल की हैं. सूबे के एक गाँव में ग्रामीणों ने आवारा गायों को स्वेच्छा से गोद लेने का उपाय सोचा है. वहीं अपनी गायों को छुट्टा छोड़ने वालों के खिलाफ जुर्माना देने का भी नियम बनाया है.
गांववालों की पहल:
प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद से ही गौरक्षा को लेकर सरकार तत्पर है. सरकार ने इसके लिए सबसे पहले बूचड़खानों पर प्रतिबंधन लगाया और उसके साथ ही गायों को नुकसान पहुँचाने को लेकर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. लेकिन आवारा गायों की लिए गौशालाएं न होने से गायों की स्थिति तो बदहाल होती ही हैं साथ ही किसानों के खेतों में घूस सब तहस नहस कर देते से किसानों को भी परेशानी होती हैं.
स्वच्छा से आवारा गायों को गोद लेंगे ग्रामीण:
इसी परेशानी से निपटने के लिए बागपत जिले के रेहतना गाँव ने एक उपाय सोच लिया है. पंचायत ने बैठक करके फैसला लिया कि आवारा गायों को स्वेच्छा (वॉलनटिअर) के तौर पर अपने घर में रखेंगे। इसके लिए उन्हें 3100 रुपये प्रति गांव के हिसाब से दिया जाएगा।
इस बाबत गाँव के प्रधान भी आवारा गायों को गोद लेंगे. पंचायत ने उन्हें भी स्वेच्छा से गायों की देखभाल करने के लिए चुना है. रेहतना गाँव के प्रधान भरतवीर सिंह ने इस बारे में बताते हुए कहा कि वे स्वेच्छा से गायों को रखेंगे. इसके लिए पंचायत ने उन्हें दो आवारा गायें दी हैं.
जो गाय पशुपालक के काम की नहीं होती, दूध देने में सक्षम नहीं होती उन्हें लोग ऐसे ही छोड़ देते हैं. ऐसी गायें फसलों को नुकसान पहुंचती हैं. प्रदेश सरकार के फैसले के बाद आवारा गायों की संख्या बढ़ गयी है.
वहीं स्वेच्छाचारी के तौर पर उन्हें कुछ रुपये तो गायों की देखभाल के लिए दिए जा सकते हैं, लेकिन न तो पशुपालक और ना ही गाँववालों के पास इतना पैसा है कि वे गौशाला बनवा सके. इसी को ध्यान में रखते हुए पंचायत ने आवारा गायों की सुरक्षा और अपनी फसलों को नष्ट होने से बचाने के लिये ये उपाय सोचा हैं. इसके लिए दिए जाने वाला प्रति गाँव भत्ता ग्रामीण के जरीय ही एकत्र होगा.
देना होगा 5100 का जुर्माना:
इसके अलावा पंचायत ने उन ग्रामीणों के लिए जो अपनी गायों को खुला छोड़ देने हैं, के लिए भी सख्त रुख अपनाते हुए जुर्माने की व्यवस्था की हैं. यानि जिस भी व्यक्ति की गाय छुट्टा घुमती नजर आई उसे पंचायत को जुर्माना अदा करना पड़ेगा. इसके लिए 5100 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया हैं.
वहीं गाँव की इस पहल और पंचायत के फैसले की बागपत के सांसद और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री सत्यपाल सिंह ने तारीफ़ करते हुए कहा कि ये बहुत ही अच्छी पहल है. उन्होंने कहा कि जो लोग बागपत का विकास चाहते हैं उन्हें इस तरह की पहल का समर्थन करना चाहिए.