यूपी की विधानसभा में पिछले दिनों मिले (PETN Powder) पीईटीएन की गुत्थी सुलझने में 7 दिन का वक्त और लगेगा। जांच अधिकारियों की माने तो ये पाउडर एक और जांच के लिए सीएफएसएल हैदराबाद भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट आने में सात दिन लग जाएंगे। इसके बाद ही पीईटीएन का मामला सुलझ पायेगा। पाउडर को एक और जांच के लिए सीएफएसएल हैदराबाद भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट आने में सात दिन लग जाएंगे। बता दें कि अभी तक एनआईए ने जांच अपने हाथ में नहीं ली है।
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एफएसएल अधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई
- सूत्रों के मुताबिक, एसएफएसएल के अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
- बताया जा रहा है कि जल्द ही एफएसएल के निदेशक भी हटाए जा सकते हैं।
- सरकार एफएसएल के निदेशक के रूप में किसी आईएएस या आईपीएस अधिकारी की तैनाती कर सकती है।
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जांच में नहीं चल रहा पता
- आईजी विजय सिंह मीणा ने बताया कि अभी तक जांच रिपोर्ट डीजीपी मुख्यालय को नहीं मिली है।
- हमने एक सैंपल जांच के लिए हैदराबाद भेज दिया है।
- रिपोर्ट आने में कम से कम एक सप्ताह का समय लग जाएगा।
- सूत्रों के मुताबिक, एफएसएल लखनऊ की तरफ से बरामद पाउडर के कुछ और अलग-अलग टेस्ट कराए गए।
- लेकिन वहां भी जांच में पीईटीएन होने की बात सामने नहीं आई है।
- एनआईए को जांच के लिए गुरुवार को भी आदेश नहीं हुए।
- माना जा रहा है कि पाउडर के पीईटीएन होने पर संदेह के बाद केंद्र सरकार इस जांच को एनआईए को देने को तैयार नहीं है।
- क्योंकि सीएम के विधानसभा में घोषणा करने के बाद यह लगभग तय था कि सोमवार को जांच एनआईए को सौंपने के आदेश हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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क्या है पूरा मामला
- यूपी की राजधानी लखनऊ में विधानसभा बजट सत्र 1017 के सदन के दौरान नेता विपक्ष की कुर्सी के निकट 12 जुलाई को एक तीब्र गति का बेहद शक्तिशाली विस्फोटक मिलने से हड़कंप मच गया था।
- विस्फोटक मिलने से विधानसभा सुरक्षा बलों के हाथपांव फूल गए।
- सुरक्षा अधिकारियों ने फौरन डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिंक एक्सपर्ट की टीम बुलाई।
- फॉरेंसिंक एक्सपर्ट की टीम ने Pentaerythritol tetranitrate पीईटीएन (PETN) (पेंटेरीथ्रिटोल टेट्रानेरेट्रेट) होने की पुष्टि की।
- एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, ये विस्फोटक आतंकवादियों के पास मिलता है और इसे रिमोट के जरिये भी ऑपरेट किया जा सकता है।
- हालांकि ये विस्फोटक विधान सभा के अंदर कैसे पहुंचा यह बहुत बड़ा सवाल है।
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