मनकामेश्वर मठ-मंदिर की महंत देव्यागिरि की (womens celebrated hartalika teej) उपस्थिति में अखंड सौभाग्यवती का विशेष पूजन अर्चन डालीगंज स्थित मठ-मंदिर परिसर में हुआ। इस अवसर पर वहां पर मेंहदी, आलता सज्जा और समान्य ज्ञान की प्रतियोगिताएं हुईं। इसमें महिलाओं और बालिकाओं ने उत्साह के साथ भाग लिया। इसमें इसमें अमीषा वर्मा, शिवानी, रूपाली राखी अव्वल रहीं।
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बेटी बचाओं थीम पर भी हुई प्रतियोगिताएं
- हरतालिका तीज के अवसर हुई प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने हाथों में शिव पार्वती, डमरू, सौभाग्य के चिन्ह सतिया, कलश आदि फूल और बेल के संग उकेरे।
- इसके साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए भी मेंहदी प्रतियोगिता हुई।
- महंत देव्यागिरि ने इस अवसर पर कहा कि बेटियां ही नहीं होंगी तो समाज का विकास कैसे होगा?
- समाज पतन की ओर चला जाएगा।
- उन्होंने कहा कि यह वही देश है जहां नारियों को देवी का दर्जा दिया जाता है।
- ऐसे में हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह सामाजिक संतुलन को बिगड़ने न दे और स्वस्थ्य समाज के गठन करने अपना सकारात्मक योगदान दें।
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में प्रतिभागियों से हरतालिका पर्व से सम्बंधित जानकारियां हासिल की गईं।
- इस प्रतियोगिता के माध्यम से भक्तों ने जाना कि भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है।
- माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए यह कठिन निर्जला व्रत रखा था।
- भाद्रपद तृतीया शुक्ल के दिन हस्त नक्षत्र में माता पार्वती ने मिट्टी से शिव प्रतिमा बनाकर रात भर पूजन अर्चन कर महादेव को प्रसन्न किया था।
- इसीलिए आज भी भक्त शिव पार्वती, गणेश कार्तिकेय और नंदी को कच्ची मिट्टी से बना कर पूजन करते हैं और अगले दिन नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन कर व्रत सम्पन्न करते हैं।
- इन प्रतियोगिताओं में उपमा पाण्डेय, नम्रता मिश्रा, ममता, पूनम, पूजा, तुलसी, रेखा, रेनु, खुशबू, पूजा पाल, ऋतु, गौरजा, कल्याणी ने भाग लिया।
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मंदिर में महिलाओं ने किया पूजन
- गुरुवार को महिलाओं ने पति की दीर्घ और स्वास्थ के लिए डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मठ मंदिर में पूजन अर्चन किया।
- इस अवसर पर बाबा का भव्य श्रंगार किया गया था।
- भक्तों ने बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, दूध, फल और मिष्ठान अर्पित किए।
- इस अवसर पर महिलाओं ने निर्जला व्रत रखते हुए भजन कीर्तन भी किया।
- सुबह और शाम की महा आरती (womens celebrated hartalika teej) महंत देव्यागिरि की उपस्थिति में शंखनाद, ढोल ताशे नगाड़े और विशाल डमरू के संग हुई।
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