हमारे देश में विकास के नाम पर करोङों खर्च होते हैं। बेरोजगार युवाओं के लिए भी तमाम योजनाएं बनती हैं। लेकिन, बुजुर्ग और बेसहारा लोगों पर न तो केंद्र का और ना ही राज्य सरकार का ध्यान जाता है।यही वजह है कि उनके साथ परिवार के लोग ही सौतेला व्यवहार करते नज़र आते हैं। और जितना जल्दी हो सके उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं। इसका एक दिल दहला देने वाला मामला पीलीभीत का जहाँ पर मुआवजे की रकम के लिए परिजन खुद ही अपने घर के बुजुर्गों को जंगल भेज रहे हैं। जंगली जानवर का शिकार बनने के बाद उनके परिवार को मोटी रकम मिल रही है जिससे उनकी आर्थिक समस्याएं सुलझ रही हैं। हालांकि लोग इस बात को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
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स्थानीय नागरिक जता रहे विरोध
- आपको बता दें की पीलीभीत जिला पूरी तरह से जंगल से घिरा हुआ है।
- यहाँ के लोगों को वैसे तो बहुत ही शांत स्वभाव का माना जाता है।
- लेकिन इस खबर के एक दैनिक अखबार में छपते ही जिले में हड़कंप मच गया।
- कोई भी यह मानने को तैयार नहीं है कि यहां के लोग केवल चंद रूपयों के लालच में ऐसा कर रहे हैं।
- इस तरह की अमानवीय सोच और प्रवृत्ति से शिकार होने वाला यहाँ कोई एक शख्स ही नहीं है।
- नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के सीमान्त जिले पीलीभीत में रहने वालों में यह सोच घर कर गयी है।
- हालांकि अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हो सकी है कि ऐसा किया जा रहा है।
- लोगों का कहना है की वो भला ऐसा कैसे कर सकते है।
- ये गलत है की हम अपने परिवारीजनों को जंगल में भेजने पर बाध्य करते हैं।
- वह भी इसलिए, कि जंगल में जंगली जानवर उन का शिकार कर लें।
- ताकि उन्हें एक परिजन की मौत पर मिलने वाली नियमित मुआवजे की रकम मिल जाए।
- स्थानीय नागरिक इस खबर से नाराज हैं, और वे इस मसले पर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
खातों की कराई गयी थी जांच
- आपको बता दें कि इसकी वजह बुजुर्गों पर हाल ही में घातक बाघों के हमले की एक स्ट्रिंग है।
- जिसमें से सात मौतों की रिपोर्ट फरवरी 16 के बाद से अकेले माला वन क्षेत्र की निकटता में हुई है।
- बाघों के हमलों की जांच करते समय एक केंद्रीय सरकार की एजेंसी, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) के कलीम अतहर की रिपोर्ट के हवाले से निष्कर्ष पर पहुंची।
- अथर ने पीटीआर के आसपास बाघ के हमलों की जांच की और ऊके बाद स्थानीय लोगों के खातों की जांच की।
- जिसके बाद इस बात को सोचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।ये भी पढ़ें : भोले के भक्तों पर आतंक का साया!