प्रदेश पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आय़ा है। बीते दिनों सड़क हादसे के शिकार दो नाबालिग बच्चों ने पुलिस वालों के सामने ही सड़क पर तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। लेकिन पुलिसवालों ने जरा सा भी दिल नहीं पसीजा उन्होंने सरकारी गाड़ी से पीड़िक को अस्पताल नहीं ले गए।
मानवता हुई शर्मसार
पुलिसवालों का कहना था कि हादसे के शिकार लड़कों के खून से उनकी गाड़ी गंदी हो जाएगी। इसलिए वे उन्हें अस्पताल नहीं ले जाएंगे। घटना का विडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
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घटना सहारनपुर जिले की है। यहां के नुमाइश कैंप सेतिया विहार के रहने वाले दो नाबालिग अर्पित खुराना और सन्नी बाइक से गुरुवार रात उनके घर जा रहे थे। बेरी बाग इलाके के मंगलनगर चौक पर अनियंत्रित होकर उनकी बाइक एक खंभे से टकरा गई। बाइक नाले में गिर गई। खंभे में बाइक लगने से तेज आवाज हुई।
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पहुंचे और दोनों को नाले से निकाला। दोनों गंभीर रूप से घायल थे। भीड़ ने पुलिसकंट्रोल रूम को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची। विडियो में साफ दिख रहा है कि वहां मौजूद भीड़ मौके पर डायल 100 के पुलिस वालों से दोनों लड़कों को अस्पताल ले जाने को कह रही है लेकिन पुलिस वाले इनकार कर रहे हैं।
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भीड़ से एक युवक रो-रोकर पुलिसवालों से सर और साहब कहकर मदद की गुहार लगा रहा है। घायल सड़क पर तड़पते दिख रहे हैं। एक युवक खुद को मीडिया से जुड़ा होने और पास ही रहने की बातकर मदद मांग रहा है, लेकिन पुलिसवालों ने सरकारी गाड़ी से अस्पताल ले जाने से इनकार कर दिया।
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मौके पर मौजूद एक युवक घायल लड़के को उठाकर पुलिस वाले से कार का दरवाजा खोलने का आग्रह भी कर रहा है।
इस पर पुलिस के तरफ से जवाब आ रहा है कि कार गंदी हो जाएगी।
अगर वह घायलों को कार में बैठा लेंगे फिर सारी रात वह गंदी कार में कहां बैठेंगे।
पुलिस वाला भीड़ से कह रहा है कि किसी टैंपों से ले जाएं, वह नहीं लेकर जाएंगे।
अब एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।