मेरठ पुलिस एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाने के मामले में इतनी जल्दी करती है कि आरोपी द्धारा चलायी गोली को भी पुलिस चाकू में तब्दील कर देती है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के मेरठ के कप्तान कार्यालय में देखने को मिला। बीते 22 फरवरी 2017 की घटना में मेरठ के थाना रोहटा क्षेत्र के कैथवाडी में किसान को जमीनी विवाद में गोली मारी थी।
आगे पढ़ें कैसे पुलिस ने तंमचे से लगी गोली को चाकू में तब्दील की
गोली के निशान मिटे भी नही और पुलिस ने एफआर लगाकर अदालत में सबमिट कर दी। पीडित पक्ष आज एसएसपी से मिलने पहुँचे लेकिन किसी कारण वस पीड़ित एसएसपी से नही मिल सके।लेकिन एसएसपी कार्यलय में प्रार्थना पत्र देकर दोबारा मामले की मांग की।
मामला मेरठ के थाना रोहटा क्षेत्र के कैथवाडी गांव का है। बीते 22 फरवरी को कैथवाडी निवासी अजय कुमार अपने किसान पिता श्याम सिंह के लिए घर से दूध लेकर जा रहे थे। उसी समय उन्होने देखा की गांव के राजपाल, राहुल और शनि ने उनके पिता को गोली मार दी। इस मामले में तीनों के खिलाफ जानलेवा हमले का केस दर्ज हुआ।
ये भी पढ़ें : मेरठ: किशोरी से तीन दबंग युवकों ने घर में घुसकर किया रेप!
केस की जांच रोहटा थाने में तैनात इंस्पेक्टर रामचंद्र ने की। जांच में रामचंद्र ने एफआर लगा दी। जिसके बाद उच्च अफसरों से मिलकर इसकी दोबारा जांच कराई गयी। अब मामले की जांच एसआइ राघव को सौंपी गयी। एसआइ ने भी मामले में एफआर लगाकर अदालत में सबमिट कर दी।
ये भी पढ़ें : बिजनौर में यूपी के राज्यमंत्री का प्रतिनिधि पकड़ा गया करते अवैध वसूली !
पूरे मामले में अदालत में लगायी गयी एफआर में पुलिस ने मामले को दूसरी ही दिशा प्रदान कर दी। पुलिस ने एफआर में जानलेवा हमले में तंमचे से चलायी गयी गोली को चाकू में तब्दील कर दिया साथ ही अजय ने अपने पिता का इलाज मेरठ के सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र रोहटा, में कराया था जिसकी मेडिकल रिपोर्ट भी पुलिस को दिखायी। मेडिकल रिपोर्ट में भी हमला तंमचे से निकली गोली से ही हुआ है। लेकिन मेरठ की लापारवाह पुलिस के कारण आज पीडित दरबदर की ठोकर खा रहे है। और आरोपी खूले आम घूम रहे है।