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गाजीपुर: स्वास्थ्य केंद्र के बाहर निजी व्यक्ति ने किया घायल का इलाज

private person treated injured outside district hospital

private person treated injured outside district hospital

एक तरफ प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग को दुरुस्त करने का दावा कर रही है. वही स्वास्थ विभाग है कि सुधारने का नाम नहीं ले रहा है। स्वास्थ्य विभाग में आये दिन कोई न कोई कारनामा देखने को मिल रहा है। ऐसे ही एक मामले में गाजीपुर में पिछले दिनों जहाँ जिला अस्पताल में व्हील चेयर नही होने पर दिव्यांग बंदी को पुलिस कर्मी कंधे का सहारा देकर इलाज कराकर जिला जेल वापस ले गए वहीं एक बार फिर एक ऐसा ही मामला सामने आया.

डॉ. ने नहीं किया इलाज:

मामला गाजीपुर जिले का है जहाँ जमानिया के रेलवे स्टेशन के दो नंबर प्लेटफार्म पर 50 वर्षीय व्यक्ति अप लाइन पार कर रहा था कि अचानक पंजाब मेल की चपेट में आ जाने से घायल हो गया था. जिसे आस पास के लोगो ने तत्काल 108 एंबुलेंस की सहायता से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमानिया में भर्ती कराया.
लेकिन अस्पताल कर्मियों ने उसे स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती न कराकर बाहर लिटा दिया जहां उसका इलाज खुले आसमान के नीचे प्राइवेट व्यक्ति द्वारा किया गया।
वहीं जब ये मामला जिलाधिकारी के बालाजी के संज्ञान में आया तो उन्होंने दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए. इसके साथ ही उन्होंने रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की बात कही।

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क्या हैं मामला:

बता दें कि ट्रेन के धक्के से घायल चंदौली जनपद के अमड़ा गांव निवासी 50 साल के ओम प्रकाश पांडे को करीब 8 बजे गाजीपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमानियां में भर्ती कराया गया. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर घायल ओमप्रकाश को केंद्र के बाहर खुले आसमान के नीचे स्ट्रेचर पर लेटा कर इलाज किया गया।
इतना ही नहीं उसका इलाज एक प्राइवेट व्यक्ति ने किया. ट्रेन के धक्के से आई चोट पर टांका, ड्रेसिंग तथा ड्रिप भी उसी प्राइवेट व्यक्ति ने  लगाया।

कार्रवाई का आश्वासन:

ऐसा नहीं है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की मौजूदगी नहीं थी. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो डॉक्टर के साथ एक महिला डॉक्टर संविदा कर्मी भी तैनात है लेकिन घायल का इलाज प्राइवेट व्यक्ति के करने पर सवाल उठाना लाजमी हैं कि आखिर गंभीर रूप से घायल को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर क्यों नही ले जाया गया और इलाज प्राइवेट व्यक्ति क्यों कर रहे थे।
ये पहला मौका नही है जब प्राइवेट व्यक्ति प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर इलाज कर रहा है। इस केंद्र पर अक्सर मरीजो की पर्ची बनाते, सुई लगाते, ड्रेसिंग आदि करते प्राइवेट व्यक्ति मिल जाते हैं.
इस बारे में जब सीएमओ से जानने का प्रयास किया तो उन्होंने तबियत खराब होने की बात कह कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.

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