यूपी में अपनी मांगों को मुख्यमंत्री तक पूछने का कर्मचारियों ने पिछले कुछ सालों से एक नया तरीका खोजा है।पिछले दिनों जहाँ लखनऊ के लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को सैकड़ों पोस्ट कार्ड भेज कर अपनी मांगे पूरी करने की गुहार लगायी थी। उसी कड़ी में रविवार को सुल्तानपुर में 51 सौ लोगों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पोस्टकार्ड भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। जो की पिछले चार सालों से सेतु निगम और रेलवे विभाग की लापरवाही से परेशान हैं।
ये भी पढ़ें :टमाटर के बढ़े भाव, हुई सुरक्षाकर्मियों की तैनाती!
वैकल्पिक रास्ते की हो रही मांग
- दरअसल,4 सालों से क़रीब 5 लाख की आबादी विभागों की लापरवाही से आवागमन को लेकर परेशान हैं।
- मामला पुलिस लाइन्स करौंदिया स्थित 33बी निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज का है।
- सेतु निगम और रेलवे विभाग की लापरवाही से यहाँ रहने वाले लोगों को परेशानी हो रही है।
- जानकारी के मुताबिक वैकल्पिक रास्ते को लेकर कई बार अनुरोध किया लेकिन अधिकारी नहीं चेते।
- नतीजे में स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने सीएम को पोस्टकार्ड भेज आंदोलन शुरु किया है।
- पोस्ट कार्ड भेजने के साथ ही लोगों ने प्रभारी मंत्री का पुतला भी फूंका।
- लगभग 4 साल पहले सेतु निगम द्वारा इस ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरु कराया गया था।
- लोगों को लगा था अब जल्द उन्हें क्रासिंग पर लगने वाले जाम की समस्या से निजात मिलने वाली है।
ये भी पढ़ें :श्रीनगर : आतंकियों के तीन ओवरग्राउंड वर्कर्स गिरफ्तार!
- सेतु निगम की लापरवाही और निर्माण की धीमी रफ्तार के चलते आज तक इसका कार्य अधूरा है।
- इससे भी अधिक विकट समस्या ये कि 5 लाख की आबादी के लिये कोई वैकल्पिक मार्ग की भी व्यवस्था नहीं की।
- ऐसे में अस्पताल जाना हो या स्कूल, कचेहरी जाना हो या नौकरी पर।
- मजबूरन इसी तरह जान जोखिम में डालकर लोगों को आना जाना पड़ रहा है।
- विभाग द्वारा वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं की गयी।
- तो स्थानीय लोगों ने सांसद विधायक, चेयरमैन सहित तमाम आलाधिकारियों से गुहार लगाई।
- कई बार ज्ञापन भी दिया लेकिन अधिकारियों द्वारा आश्वासन के बाद भी चार साल बीता दिए गए।
- अब तो क्रासिंग भी बंद कर दी गई है।
- कई बार शिकायत व आंदोलन करने के बाद भी न्याय न मिलने पर अनोखा प्रदर्शन शुरू कर दिया।
- धरने पर बैठ स्थानीय लोगों ने शांतिपूर्वक ढंग से नए रूप का आंदोलन छेड़ क़रीब 51 सौ पोस्टकार्ड सूबे के मुख्यमंत्री को भेजें हैं।
ये भी पढ़ें :हर राज्य के पास हो अपना झंडा