पीडब्ल्यूडी में 1200 करोड़ रुपए घोटाले की बात सामने आने के बाद विभाग ने टेंडर प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। नए नियमानुसार, पीडब्ल्यूडी के सभी टैंडर्स की बैंक गारंटी का वेरिफिकेशन किया जाएगा। ये वेरिफिकेशन पूरे प्रदेश भर में 10 दिनों तक कराया जाएगा। वेरिफिकेशन कराने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन की होगी। ऐसे में यदि 29 मई के बाद टेंडर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित एक्सईएन को जिम्मेदार माना जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता वीके सिंह ने शनिवार को ये आदेश जारी किया।
पीडब्ल्यूडी में 1200 करोड़ रुपए का घोटाला
- बता दें, पीडब्ल्यूडी में 1200 करोड़ रुपए घोटाले की बात सामने आई है।
- ये घोटाला तत्कलीन अखिलेश सरकार के कार्यकाल के दौरान किया गया है।
- शुरुआती जांच में सामने आया है कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान घोटाले को अंजाम दिया गया।
- फिलहाल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोटाले की जांच एसआईटी को सौंप दी है।
- इससे पहले PWD के प्रमुख अभियंता वीके सिंह मामले की जांच कर रहे थे।
- आरपी इंफ्रावेंचर प्रॉपर्टी लिमिटेड कंपनी ने किया फर्जीवाड़ा
- सूत्रों की मानें तो, शुरुआती जांच में आरपी इंफ्रावेंचर प्रॉपर्टी लिमिटेड कंपनी का नाम सामने आया था।
- बीजेपी प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन की मानें तो, इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन सितंबर 2016 में ही हुआ था।
- रजिस्ट्रेशन के एक महीने के बाद ही 26 अक्टूबर, 2016 को कंपनी को PWD में टेंडर के लिए भी रजिस्टर्ड कर लिया गया था।
एक महीने में 1200 करोड़ का टेंडर मिलने का रिकॉर्ड
- आरोप है कि रजिस्ट्रेशन के तीन महीने बाद ही आरपी इंफ्रावेंचर कंपनी को PWD की ओर टेंडर दे दिए गए।
- अलग-अलग टेंडरों की कीमत कुल 1190 करोड़ रुपए थी।
- ये सभी टेंडर एक महीने के भीतर कंपनी को दिए गए।
- बता दें, आरपी इंफ्रावेंचर प्रॉपर्टी लिमिटेड कंपनी आगरा की है।
एटा की यूएस कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ भी होगी जांच
- योगी सरकार ने PWD में हुए घोटाले की जांच एसआईटी को सौंप दी है।
- इस जांच के दायरे में एटी की यूएस कंस्ट्रक्शन कंपनी भी शामिल है।
- आरोप है कि इस कंपनी ने 22 करोड़ रुपए का घोटाला किया है।
- कंपनी के खिलाफ एटा, फिरोजाबाद, आगरा और कासगंज में एफआईआर दर्ज की गई है।
- बता दें, पहली बार PWD में घोटाले की जांच एसआईटी करेगी।