PWD (लोक निर्माण विभाग) में 1200 करोड़ रुपए घोटाले की बात सामने आई है। ये घोटाला तत्कलीन अखिलेश सरकार के कार्यकाल के दौरान किया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान घोटाले को अंजाम दिया गया। फिलहाल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोटाले की जांच एसआईटी को सौंप दी है। इससे पहले PWD के प्रमुख अभियंता वीके सिंह मामले की जांच कर रहे थे। वर्तमान में PWD विभाग डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के पास है।
ऐसे दिया गया घोटाले को अंजाम
- एसआईटी से पहले मामले की जांच प्रमुख अभियंता वीके सिंह कर रहे थे।
- सूत्रों की मानें तो, शुरुआती जांच में आरपी इंफ्रावेंचर प्रॉपर्टी लिमिटेड कंपनी का नाम सामने आया था।
- बीजेपी प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन की मानें तो, इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन सितंबर 2016 में ही हुआ था।
- रजिस्ट्रेशन के एक महीने के बाद ही 26 अक्टूबर, 2016 को कंपनी को PWD में टेंडर के लिए भी रजिस्टर्ड कर लिया गया था।
एक महीने में 1200 करोड़ का टेंडर मिलने का रिकॉर्ड
- आरोप है कि रजिस्ट्रेशन के तीन महीने बाद ही आरपी इंफ्रावेंचर कंपनी को PWD की ओर टेंडर दे दिए गए।
- अलग-अलग टेंडरों की कीमत कुल 1190 करोड़ रुपए थी।
- ये सभी टेंडर एक महीने के भीतर कंपनी को दिए गए।
- बता दें, आरपी इंफ्रावेंचर प्रॉपर्टी लिमिटेड कंपनी आगरा की है।
कौन है आरपी इंफ्रावेंचर प्रॉपर्टी लिमिटेड कंपनी का मालिक
- सपा के पूर्व मंत्री शिव कुमार राठौर का भाई दिनेश राठौर इस कंपनी का प्रबंध निदेशक (एमडी) है।
- आरोप है कि दिनेश राठौर ने फर्जी दस्तावेज लगाकर टेंडर हासिल किए।
- टेंडर हासिल करने में पूर्व मंत्री शिव कुमार राठौर ने पूरी मदद की।
- टेंडर के तहत आगरा, आजमगढ़, जौनपुर और मथुरा में घोटाला किया गया।
एटा की यूएस कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ भी होगी जांच
- योगी सरकार ने PWD में हुए घोटाले की जांच एसआईटी को सौंप दी है।
- इस जांच के दायरे में एटी की यूएस कंस्ट्रक्शन कंपनी भी शामिल है।
- आरोप है कि इस कंपनी ने 22 करोड़ रुपए का घोटाला किया है।
- कंपनी के खिलाफ एटा, फिरोजाबाद, आगरा और कासगंज में एफआईआर दर्ज की गई है।
- बता दें, पहली बार PWD में घोटाले की जांच एसआईटी करेगी।
अखिलेश सरकार की इन योजनाओं पर लगा ‘योगी ग्रहण’
- योगी सरकार नई योजनाओं को लागू करने के साथ ही तत्कालीन अखिलेश सरकार के विकास के दावों की पोल खोल रही है।
- PWD में घोटाले से पहले गोमती रिवर फ्रंट, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के खिलाफ भी जांच बिठा दी गई है।
- समाजवादी पेंशन योजना और समाजवादी आवास योजना को पहले ही बंद किया जा चुका है।
- पुराने लखनऊ में बना जा रहे हेरिटेज जोन में भी करोड़ों रुपए के घोटाले की बात सामने आई है। मामले की जांच जारी है।
- वहीं, समाजवादी एंबुलेंस, अखिलेश के तस्वीर वाले राशन कार्ड, समाजवादी नमक, जैसे कई नाम बदले जा चुके हैं।
- सूत्रों की मानें तो, अखिलेश सरकार में बनाए गए साइकिल ट्रैक पर योगी सरकार की नजर टेढ़ी है।