घर से निकलकर स्कूल जा रही थी रागिनी, लेकिन उसे नहीं मालूम था कि आज वो स्कूल नहीं पहुँच पायेगी, अगर रागिनी को इस बात की भनक भी होती तो वो शायद स्कूल नहीं जाती और उसकी जान बच सकती थी. इस खबर को सुनकर रागिनी के स्कूल के प्रिंसिपल anil तिवारी बेहद दुखी हुए. उन्होंने कहा कि रागिनी एक तेज-तर्रार विद्यार्थी थी.
रागिनी के बारे में सुनकर बहुत दुःख हुआ:
- रागिनी का स्कूल सलेमपुर में है.
- परमेश्वर चौधरी संस्कार भारती विद्यापीठ के प्रिंसिपल रागिनी की हत्या की खबर के बाद से आहत हैं.
- उन्होंने कहा कि रागिनी बहुत पढ़ना चाहती थी.
- स्कूल में भी वो रेगुलर थी और सभी के साथ मिलजुलकर रहती थी.
- स्कूल के कैंपस में उसका व्यवहार बहुत अच्छा था और टीचर से लेकर स्टूडेंट तक सभी के साथ अच्छा बर्ताव रहा.
- अनिल तिवारी ने कहा कि हत्या के बाद जो बातें सामने आई हैं, वो हैरान करने वाली हैं.
- अनिल तिवारी ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाये.
- उन्होंने कहा कि शंकरपुर मुख्य सड़क पर अराजकता का माहौल रहता है.
- जबकि पुलिस इलाके में निष्क्रिय रहती है.
- उन्होंने कहा कि रागिनी के हत्यारों को सजा जरुर मिलनी चाहिए.
https://www.youtube.com/watch?v=7mKQ7yVaGhc
पीड़ित परिवार को दी थी धमकी:
- आरोपी का पिता कृपाशंकर तिवारी पीड़ित परिवार के यहाँ पहुंचा.
- हत्या की बात बताने के बाद उसने खुलेआम धमकी भी दी.
- प्रधान होने का दंभ दिखाते हुए उसने परिवार वालों को धमकाया था.
- उसने कहा था कि अगर पुलिस को वो चाकू भी दे दे तो कोई कुछ नही करेगा.
- पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ने वाली है.
- फ़िलहाल आरोपी का पिता फरार है.
- उक्त बातें बताते वक्त रागिनी की बहन रो पड़ी.
- मृतका रागिनी की बहन कहती है कि उन्हें इंसाफ चाहिए.
- हर हाल में बहन के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए.
- वहीँ आलोचनाओं के बाद आज सुबह एसपी सुजाता सिंह के घर पहुँचने की बात भी कही.
मुख्य आरोपी गिरफ्तार:
- देर रात पुलिस ने आखिरकार मुख्य आरोपी आदित्य तिवारी उर्फ़ प्रिंस को पकड़ने में कामयाबी हासिल कर ली.
- मुख्य आरोपी प्रिन्स तिवारी का साथी राजू भी गिरफ्तार हुआ है.
- आरोपी के पिता कृपाशंकर तिवारी प्रधान हैं.
- प्रधान पुत्र होने के दंभ में आदित्य अक्सर स्कूल आने-जाने वाली लड़कियों पर फब्तियां कसता था.
- आरोपी आदित्य लगातार रागिनी पर बात करने का दबाव बनाता था.
- लेकिन परिवार वाले गाँव की बात समझकर चुप रह जाते थे.
- पूरे मामले में बलिया पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
- जिले की कप्तान सुजाता सिंह और उनकी टीम की लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली.
- एंटी रोमियो दल इन्हीं घटनाओं को रोकने के लिए बनाया गया लेकिन इनकी नाकामी की पोल भी खोल दी.