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नुरुल मियां देश के संभावित राष्ट्रपति कोविंद के लिए कपड़े सिलते हैं. ख़बरों के मुताबिक, रायसीना में जा रहे रामनाथ कोविंद के लिए इन्होने खास पोशाक बनाई है. नुरुल हक को राष्ट्रपति भवन जाने का मौका मिलेगा कि नहीं ये तो नहीं जानते वो लेकिन, वो रामनाथ कोविंद को अपना राष्ट्रपति तो मान ही चुके हैं.
जानें नुरुल हक के बारे में:
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लखनऊ के रहने वाले हैं नुरुल:
- राजधानी में रहने वाले नूरुल हक ने रामनाथ कोविंद को अपना राष्ट्रपति मान लिया है.
- हालाँकि आज मतों की गिनती जारी है और शाम 5 बजे देश के अगले राष्ट्रपति का नाम घोषित किया जायेगा.
- राजाजीपुरम में दुकान चलाने वाले नूरुल कोविंद के दर्जी (टेलर) हैं.
- उनके लिए कई सालों से परिधान तैयार कर रहे हैं.
- वे देश के प्रथम नागरिक के शपथ ग्रहण में पहनने के लिए अपने हाथों से सिली हुई लखनवी पोशाक भी भेंट करेंगे.
- संभावित राष्ट्रपति की पोशाक लखनऊ में भी सिला करेगी.
- नूरुल कहते हैं कि वह करीब पांच-छह साल से रामनाथ कोविंद के लिए कपड़े सिल रहे हैं.
- पहली बार राजाजीपुरम में ही एक स्थानीय भाजपा नेता ने अपने घर पर उनके कपड़ों की नाप लेने के लिए बुलाया था.
रामनाथ कोविंद को ‘सरजी’ कहकर संबोधित करते हैं नुरुल
- नूरुल कोविंद को ‘सरजी’ कहते हैं.
- बताते हैं कि कोविंद जब भी कपड़ा सिलवाने आते, उनका पहला सवाल यही होता कि ‘मास्टरजी कैसा चल रहा सब’.
- पहली बार सदरी के साथ कुर्ता-पायजामा सिला तो उन्हें खूब पसंद आया.
- इसी के बाद से कोविंद के पसंदीदा कपड़ा सिलने वालों में वह शामिल हो गए.
- नूरुल के अनुसार ‘सरजी’ को कुर्ते के साथ पैंटकट पायजामा पसंद है.
- बिहार के राज्यपाल बनने के बाद भी वह उसे नहीं भूले.
- करीब दो महीने पहले लखनऊ दौरे के दौरान कोविंद ने राजभवन में नूरुल को बुलवाया था.
- उस समय दो सूट, दो सदरी और दस कुर्ते-पायजामों की नाप दी थी, जो कि उन्होंने बाद में सिलकर भेज दिए थे.
- बकौल नूरुल, उन्हें ‘सरजी’ उनके नाम से नहीं बल्कि ‘मास्टरजी’ के नाम से पुकारते हैं.
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