किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने यूपी की कार्यकारणी भंग कर दी है। साथ ही स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा भी दे दिया है। शेखर दीक्षित ने मीडिया को भेजे गए पत्र में कहा है कि, आप सभी को सूचित करना चाहते है हम एक किसानो के हक़ की लड़ाई लड़ने वाला संगठन है न ही राजनीतिज्ञ और न ही अराजनेतिज्ञ बहुत से हमारे पुराने साथी जिन्होंने हर मुश्किल घड़ी मे साथ दिया लाठियाँ भी खायी और मुक़दमे भी लड़ रहे है। आन्दोलन मे एसा होता है हम लोगों ने अपने लिए कुछ साथियों को समूह का नेता भी चुना पर अब मुझको लगता है कि हम सभी लोग फिर से कार्यकर्ता बन जाय न कोई पद न कोई खिंचा तान।
इसको आप संगठन को नयी दिशा प्रदान करने के लिए एक प्रयोग भी समझ लीजिए। जो भी साथी बिना पदों के मेरे साथ किसान हितो की बात करना चाहते है। उनके लिए लड़ना चाहते है वो सब साथ दे और जिन्होंने इसको नहीं समझा वो मुझको त्याग दे। यह कहना आसान नहीं पर नयी कलमों के खिलने के लिए और नए ख़ूबसूरत और मजबूत आकर के लिए ये ज़रूरी है। इसलिए मैं राष्ट्रीय किसान मंच की उत्तर प्रदेश की सभी इकाइयों को भंग करता हूँ और स्वयम् के पद से भी इस्तीफ़ा देता हूँ। मेरा कार्य कौन करेगा ये फ़ैसला राष्ट्रीय टीम के सदस्यों पर छोड़ता हूँ! नयी कार्यकारिणी का विस्तार नये अध्यक्ष करेंगे पर मैं सदस्य के रूप मे काम करता रहूँगा और संगठन जो भी ज़िम्मेदारी देगा उसको निभाऊँगा मुझको उम्मीद है आप सभी भी मेरा साथ देंगे।
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