बीजेपी सांसद चौधरी बाबूलाल द्वारा गोद लिए गांव पुंसेता की हालत दयनीय
- गांव वालों को आज भी याद है वह दिन जब नव निर्वाचित फतेहपुर सीकरी सांंसद चौधरी बाबूलाल ने प्रधानमंत्री के कहने पर गांव को गोद लिया था।
- इस खबर को सुनने के बाद गांव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी।
- बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहे लोगों की आंखों में तैर रहे विकास के सपने जवां होने लगे थे।
- खूब मिठाइयां बांटी गईं, लोगों ने गले लगाकर एक- दूसरे को बधाई दी।
- डीएम, सीडीओ और सांसद ने एक के बाद एक कई बैठकें कर गांव का दौरा भी किया
विकास केवल बैठकों और फाइलों तक ही सीमित रहा
- गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
- सैयां क्षेत्र के पुसेंता गाँव आदर्श सांसद ग्राम घोषित होने के बावजूद भी बेहाल है |
- गांव में पानी का निकास न होने और नाले न होने की वजह से ये हालात हैं।
- फाइलों में कैद है विकास प्लान
- इस गांव को भाजपा के फतेहपुर सीकरी सांसद बाबूलाल ने दो साल पहले गोद लिया था।
- ब्राह्मण बाहुल्य इस गांव में शुरुआत से बुनियादी सुविधाओं का टोटा रहा है।
- घोषणा के बाद लोगों में मन जरूर विकास की उम्मीद जगी थी,
- जो देखते ही देखते खत्म हो गई।
- एक के बाद एक कई बैठकें होने के बाद बने प्लान फाइलों में कैद होकर रह गए।
- इन्हें अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।
तहसील और जिला मुख्यालय के कई चक्कर लगाते लगाते गाँव के लोग निराश हो गये
- उनकी मानें तो सबकुछ दिखावा मात्र है, पब्लिक की दुख- तकलीफ कोई नहीं सुनता।
- सरकारी स्वास्थ्य केंद्र कीबहुत खराब है |
- बिजली के खम्भे हैं पर बिजली नहीं है |
- गांव में बिजली सप्लाई का हाल बहुत ज्यादा खराब है।
रोजाना शाम सात बजे आने वाली बिजली रात होते ही कब कट जाए भरोसा नहीं
- इसके बाद सुबह चंद घंटे के लिए बिजली आती है।
- सांसद ने भरपूर बिजली देने का वादा किया था।
- हरिजन बस्ती का ट्रांसफॉर्मर एक सप्ताह से खराब पड़ा है।
- जिसे बनवाने की जहमत बिजली विभाग ने अब तक नहीं उठाई है।
- गांव वाले कहते हैं कि यही हाल रहा तो खेती की सिंचाई के लिए पानी कहां से आएगा।
- गांव की गलियां नालों में तब्दील हो गई हैं।
- बंद पड़े हैं हैंडपम्प और टंकिया
गाँव में पेयजल की विकराल समस्या है
- हालात ये हैं कि गांव के सारे हैंडपम्प बंद पडे हैं और टीटीएसपी पानी की टंकियों पर ताले लटके है ,
- जिनका कोई प्रयोग नही होता।
- गाँव में मौजूद हैंडपंपों में से एक चौथाई का पानी सूख चुका है।
- इन्हें रिबोर किया जाना है। लोगों को दूर दराज के इलाकों से पानी भरकर लाना पडता है
- जिस कारण महिलाओं के साथ गांव की युवतियों को परेशानी झेलनी पडती हैं।
- कीचड़ भरे रास्ते पर अक्सर होते हैं ग्रामीण चोटिल
- गर्मियों में तो फिर भी कच्चे रास्तों पर चला जा सकता है लेकिन बारिश के मौसम में गांव के लोगों को घर से निकलने में दिक्कतें होती हैं।
- गांव मे खरंजे नाली की कीचड़ और गंदे पानी से भरे हुए है। .
- जलभराव के हालात ये थे कि लोगों के घरों के रास्ते तक बंद हो गये है
- लोगों को घरों मे कैद होने तक के लिए मजबूर होना पड़ गया है।
असलियत में गांव की स्थित हद से ज्यादा बदतर है
- गांव मे जलभराव के हालात ये हैं कि गांव का पानी निकासी का समाधान न होने के कारण गांव का पानी सारे इलाके मे जमा हो जाता है |
- जिस कारण वहां चार से पांच फुट तक सिल्ट और कीचड जमा हो जाता है जिसके कारण लोगों को अक्सर चो़ट लग जाती है |
- इस कीचड मे गिरकर लोग चोटिल होते ही रहते हैं।
- ईश्वरी देवी ने बताया कि गर्मी आते ही कई हैंडपंप सूख चुके हैं।
- जांच में इनका पानी पीने लायक नहीं पाया गया है।
- फिर भी लोग मजबूरी में पानी का सेवन कर रहे हैं।
- इस ओर शासन प्रशासन को सोचना चाहिए।
- गाँव के बुजुर्ग रामवीर शर्मा ने बताया कि कहने को यह आदर्श सांसद ग्राम है।
- गोद लिए जाने से लेकर अभी तक सभी विकास के काम फाइलों में हुए हैं।
- रामेश्वरी देवी ने बताया कि गांव में बिजली की जबरदस्त समस्या है।
- बिजली के तार बिछा दिए गए हैं लेकिन पॉवर सप्लाई नहीं की गई। इससे गांव के लोगों में नाराजगी कायम है।
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