आलोकतांत्रिक ढंग से राष्ट्रवादी काॅग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 रमेश दीक्षित, पूर्व पुलिस अधिकारी, (rld statement) एसआर दारापुरी सहित मानवाधिकारवादी नेताओं को प्रेस क्लब से हुई गिरफ्तारी की राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव ओंकार सिंह ने घोर भर्त्सना की है।
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दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग
- ओंकार सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि किसी की आवाज को दमनपूर्वक दबाना फुंसी से कैंसर हो जाता है।
- ओंकार सिंह ने उ0प्र0 सरकार से उपरोक्त नेताओं को तुरन्त रिहाई के साथ वहां पर मौजूद अधिकारियों, पुलिस कर्मियों से गिरफ्तारी करने सम्बन्धी प्रकरण की जांच कराकर दोषी पुलिसकर्मी, प्रशासनिक अधिकारियों को बेलगाम होने से रोकने सम्बन्धी कार्यवाही की जाये।
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क्या है पूरा मामला
- बता दें कि बता दें कि पिछले दिनों कुशीनगर में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के दौरे से पहले दलितों को साबुन और शैंपू बांटे थे।
- ताकि वे सीएम योगी की सभा में नहा-धोकर आएं।
- इसी बात से नाराजगी के चलते दारापूरी और उनके साथी मुख्यमंत्री आवास पर जाकर रैली निकालने की तैयारी कर रहे थे।
- रिटायर्ड आईपीएस अफसर और पूर्व डीजीपी एसआर दारापूरी समेत आठ लोगों को सोमवार दोपहर को कैसरबाग पुलिस ने यूपी प्रेसक्लब से गिरफ्तार किया।
- उनके साथ एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रमेश दीक्षित भी शामिल थे।
- ये सभी सरकार के विरोध में प्रेस क्लब में गोपनीय मीटिंग कर रहे थे।
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शहर में लगी है धारा-144
- बता दें कि राजधानी के शहरी क्षेत्र में 10 जुलाई से विधानसभा सत्र शुरू होने के चलते धारा-144 लगी है।
- पुलिस के मुताबिक धारा-144 लगी होने के बाद भी दारापूरी की अगुवाई में चार-पांच दलित संगठन मीटिंग कर दलित उत्पीड़न को लेकर सीएम आवास का घेराव कर सीएम योगी से विरोध प्रदर्शन की रणनीति तैयार कर रहे थे।
- ये सभी लोग सीएम आवास का घेराव करने का रहे थे तभी इसकी सूचना पुलिस को लगी।
- फौरन पुलिस टीम प्रेस क्लब पहुंची और सभी को हिरासत में लिया।
- पुलिस सभी को कैसरबाग कोतवाली ले गई। इसके बाद उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया।
- यहां (rld statement) उन्हें बाद में लिखापढ़ी के बाद छोड़ दिया गया।