- ये है सांसद साक्षी महाराज के ‘गोद लिए गांव’ में ‘विकास’ का हाल
- सांसद आदर्श ग्राम योजना में चयनित होने के एक साल बाद भी शहीद गुलाब सिंह लोधी के गांव फतेहपुर चौरासी ग्रामीण में ‘विकास’ का पहिया नहीं दौड़ सका।
- गांव वाले अभी भी बिजली, सड़क और पानी की मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
- बड़ी समस्या खस्ताहाल मार्गों की भी है।
- पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 में जिले के सांसद हरि साक्षी महाराज ने अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी की जन्मस्थली फतेहपुर चौरासी ग्रामीण का सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयन किया था।
- गांव में विकास की गंगा बहाने का जिम्मा 19 विभागों को सौंपा गया था।
- पिछले साल जून माह में चयन होने के बाद अब तक गांव में न तो मार्ग दुरुस्त हो पाए और न ही ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिल पा रहा है।
- ग्राम पंचायत का एक मजरा अभी भी विद्युतीकरण से अछूता है। गांव अभी तक खुले में शौचमुक्त तक नहीं हो पाया है।
- खराब पड़ा हैंडपाइप सांसद के गोद लिए इस गांव के सभी मार्ग खस्ताहाल हैं। गांव के प्रत्येक मार्ग को पक्का किया जाना है। नालियां गायब हैं। इससे पानी गड्ढों से पटे मार्गों पर बहता रहता है। इसके चलते ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गांव में पेयजल की विकराल समस्या है। इकलौता इंडिया मार्का हैंडपंप आए दिन खराब रहता है।
- ऐसे में पेयजल के लिए कुआं सहारा है। गांव में लक्ष्य के सापेक्ष शौचालय निर्माण नहीं हो पाया है। ग्रामीण खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। ग्राम पंचायत में 500 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का लक्ष्य है। अभी तक एक सैकड़ा ही शौचालय बन पाए हैं। ग्रामसभा के मजरे ईश्वरीखेड़ा में आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। यहां ग्रामीण दिए की रोशनी में रात काटने को मजबूर हैं। शिक्षा के लिए गांव में प्राइमरी विद्यालय है।
- फतेहपुर चौरासी ग्राम पंचायत अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी की जन्मस्थली है। शहीद गुलाब सिंह का जन्म 1903 में हुआ था। पिता का नाम रामरतन सिंह लोधी था। उन्हें लखनऊ के झंडेवाला पार्क के नायक के रूप में जाना जाता है। 23 अगस्त 1935 को गुलाब सिंह ने लखनऊ के अमीनाबाद पार्क में हुए झंडा सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेकर तिरंगा फहराया था। पार्क के अंदर झंडा फहराने के बाद अंग्रेजी हुकूमत ने गोली चलवाई थी। गोली गुलाब सिंह को भी लगी थी। वह शहीद हो गए थे।
- केंद्र सरकार ने वर्ष 2013 में उनके नाम से डाक टिकट भी जारी किया था। गांव में शहीद पार्क के लिए 18 बिस्वा व तालाब के लिए सवा बीघा भूमि आवंटित है। पर्यटन विभाग से सर्वे भी किया जा चुका है। आज तक काम शुरू नहीं हो सका है। सांसद ने डेढ़ किमी. सीसी रोड, दारापुर व चंद्रिकाखेड़ा को जोड़ने वाले मार्ग को डामरीकृत कराने का प्रस्ताव भी भेजा है। प्रगति शून्य है।
- बजबजाती नालियां खोल रहीं विकास की पोल
- गांव में नाली के पानी के निकास की कोई व्यवस्था नहीं है।
- इससे नालियां बजबजाती रहती हैं।
- साफ-सफाई व्यवस्था ध्वस्त है।
- मार्ग खस्ताहाल हैं।
- नाली का पानी ध्वस्त मार्गों के गड्ढों में भर जाता है।
- गोद लेने के बाद और बदतर हुईं स्थितियां
- सांसद के गांव को गोद लेने के बाद विकास की उम्मीदें जगी थीं।
- हुआ कुछ नहीं। गांव की दशा बदतर होती जा रही है। ना तो गांव में शहीद स्मारक बन पाया, न पार्क व तालाब का सुंदरीकरण हुआ।
- विकास के नाम पर एक पानी की टंकी का ही निर्माण हो पाया है।
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