अपने घोटालों के लिए बदनाम मुरादाबाद निगम में 20 करोड़ 50 लाख रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया है। नगर निगम के अधिकारियों द्वारा पिछले कुछ सालों से आवास कर और जल कर के पैसों को अपनी जेबों में भर लिया गया। अधिकारियों की इस बंदरबाट का खुलासा उस समय हुआ जब जनता के पैसों की बंदरबाट को लेकर अधिकारियों में झगड़ा हो गया। जिसके बाद दिनेश यादव नाम के कर निर्धारण अधिकारी ने पूरे घोटाले का खुलासा कर दिया। मामले के तूल पकड़ने के बाद घोटालेबाज अधिकारियों द्वारा कंप्यूटरों से आवास टैक्स ओर जल कर का पूरा डाटा भी डिलीट कर दिया गया है। फिलहाल 3 अधिकारियों की एक कमेटी को पूरे मामले की जांच सौंप दी गई है।
कंप्यूटर का डाटा कर दिया डिलीट
मुरादाबाद नगर निगम के कर निर्धारण अधिकारी की एक रिपोर्ट ने पूरे नगर निगम में हड़कंप मचा दिया है। नगर आयुक्त को भेजी गई रिपोर्ट में दिनेश यादव नाम के कर निर्धारण अधिकारी ने साफ-साफ लिखा है कि पिछले 2010 से 2017 तक नगर निगम में 20 करोड़ 50 लाख रुपए का घोटाला किया गया है। दिनेश यादव के अनुसार वाटर टैक्स ओर हाउस टैक्स में अधिकारियों ने आउट सोर्सिंग कर्मचारियों के साथ मिलकर जमकर सरकारी पैसे की लूट की। उनके द्वारा जब पूरे खेल का खुलासा किया गया तो कंप्यूटर सैक्सन से पूरे डाटा को ही डिलीट कर दिया गया। वहीँ पूरे घोटाले का खुलासा करने वाले अधिकारी का तबादला भी कर दिया गया है।
जांच के लिए टीम गठित
फिलहाल नगर निगम के बड़े अधिकारियों ने 3 अधिकारियों की एक टीम पूरे मामले की जांच के लिए गठित कर दी गई है। जबकी कंप्यूटर से डिलीट किये गए डाटा को रिकवर करने के लिए एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। वहीं यहाँ खास बात यह है की पूरे घोटाले की रिपोर्ट नगरायुक्त को 16 फरवरी को दे दी गई थी। लेकिन कार्यवाही करने के बजाय पूरे मामले को दबा दिया गया। अब अधिकारियों में आपसी विवाद होने और रिपोर्ट देने वाले अधिकारी का तबादला होने के कारण पूरे खेल का भंडाफोड़ कर दिया गया।
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