भारत में विविधता में एकता के रंगों से प्रेरित होकर कलरथाॅन ने लखनऊ के शहीद पथ में वाल पेटिंग की पहल आज से शुरु की गयी। इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर कलरथान नवाबों के शहर लखनऊ को रंगों से सजाना शुरू कर दिया गया है।
वाल पेंटिंग का आगाज आज लखनऊ विकास प्राधिकरण के वाईस चेयरमैन पी. एन सिंह द्वारा किया गया और इस पेंटिंग को दिल्ली स्ट्रीट आर्टिस्ट और कलरथाॅन की मदद से दस दिनों के अंतर्गत पूरा किया जाएगा।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के समीप शहीद पथ फ्लाईओवर के दीवार को कलरथाॅन लखनऊ सीजन नौ प्रोजेक्ट के तहत एलडीए और दिल्ली स्ट्रीट आर्टिस्टों के साथ साझेदारी में पेंट किया जायेगा । आर्ट वाल उत्तर प्रदेश की कला, विरासत और संस्कृति के प्रदर्शन से शहर को सुशोभित करने के प्रयास का एक हिस्सा होगा।
आगे पढ़िये किस पार्टी ने इन्वेस्टर्स समिट 2018 का कर रही है विरोध…
इन्वेस्टर्स समिट से पहले संरक्षित धरोहरों बनाई जा रही पेंटिंग के माध्यम से शहर को सुशोभित करने का एक प्रयास है। दीवारों पर इन पेंटिंग्स में कुछ पेंटिंग महापुरषों की तो कुछ पेंटिंग्स लोगों को जागरूक करने के लिए बनाई जाएंगी।
इन्वेस्टर्स समिट-2018 की तैयारियों की विस्तार से हो चुकी है समीक्षा
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018 की तैयारियों की विस्तार से समीक्षा कर हो चुकी है। समीक्षा के दौरान कहा गया था कि तीन पार्टनर कंट्री नीदरलैण्ड, मारीशस तथा फिनलैण्ड के उद्योगपति इस समिट में शामिल होने की सहर्ष स्वीकृति दे चुके है।
अन्य देशों के उद्योगपतियों का कन्फरमेशन भी शीघ्र मिल जायेगा।
इस समिट के दौरान एक लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
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इस दृष्टि यह समिट बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इसलिए इसके आयोजन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
इन्वेस्टर समिट के लिए जारी बजट अन्यत्र न किया जाए खर्च- गौरव माहेश्वरी
‘आप’ नेता गौरव माहेश्वरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में हो रहे इन्वेस्टर समिट के लिए शासन से नगर निगम को 15 करोड़ रुपये जारी किये गए हैं लेकिन जिसका उपयोग समिट के लिए होने वाले स्थलों के विकास एवं उसकी साज सज्जा पर खर्च किया जाना है |
ज्ञात हुआ है की इस राशि का एक बड़ा हिस्सा इन्वेस्टर समिट के लिए न खर्च होकर अन्यत्र खर्च किया जा रहा है जो ठीक नहीं है। गौरव महेश्वरी ने कहा कि इस तरह की परंपरा पर सरकार द्वारा रोक लगाई जानी चाहिए एवं यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि जिस योजना के तहत जो राशि शासन से जारी हो उसे उसी कार्य में लगाया जाए जिससे कि प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
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