उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार में भी स्वास्थ्य विभाग की स्थिति पूर्व की सपा सरकार जैसी ही बनी हुई है। बताया जा रहा ही कि शाहजहांपुर में पिछले 15 दिन से जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में पैरासिटामोल इंजेक्शन (paracetamol injection) नहीं है।
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- ऐसा तब है जब सबसे ज्यादा मरीज बुखार से पीड़ित आ रहे हैं।
- आलम ये है कि इस इंजेक्शन को डॉक्टर बाहर से लिखने को मजबूर हैं।
- वहीं लोग अपने मरीज को स्वास्थ करने के लिए इस इंजेक्शन को बाहर से खरीदने को मजबूर हैं।
- ऐसे सवाल फिर सरकार पर ही उठता है कि पिछले 15 दिन से इस अस्पताल मे सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन क्यों नहीं पहुंचा।
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डॉक्टर लिख रहे बाहर से लाओ इंजेक्शन
- दरअसल ये लापरवाही लखनऊ से 150 किलोमीटर दूर जनपद जनपद शाहजहांपुर जिले के पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जिला संयुक्त चिकित्सालय का है।
- यहां पिछले 15 दिन से पैरासिटामोल इंजेक्शन नहीं है।
- जबकि इस वक्त इस अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज बुखार के आ रहे हैं।
- बुखार आने पर इस इंजेक्शन को सबसे पहले लगाया जाता है।
- वहीं नाम न छापने की शर्त पर डॉक्टरों ने बताया कि ट्रॉमा से सबसे ज्यादा मरीज बुखार के आ रहे हैं।
- ऐसे मे पैरासिटामोल इंजेक्शन न होने पर उस इंजेक्शन को बाहर से लिखना पड़ रहा है।
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सीएमएस रोज लगाते हैं चक्कर
- ऐसे मे सवाल डॉक्टरों से लेकर जिला के सीएमएस केशव स्वामी, सीएमओ आरपी रावत से लेकर स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश पर भी सवाल उठ रहे हैं।
- क्योंकि सीएमएस रोज एक चक्कर ट्रामा सेंटर का लगाते हैं।
- क्या उनके संज्ञान मे ये गंभीर मामला नहीं था।
- क्या पिछले 15 दिन से इस इंजेक्शन के बारे सीएमओ तक खबर नहीं पहुंची।
- इन जैसे अधिकारियों तक खबर पहुंचे भी कैसे।
- क्योंकि जब पैसे का बंदरबांट होता है तो पैसा (paracetamol injection) ऊपर तक पहुंच जाता है।