शारदीय नवरात्री का पवन पर्व (shardiya navratri 2017) गुरुवार सुबह से पूरे देश में शुरू हो गया है। जगत जननी मां भगवती के गुणगान का पर्व मंदिरों में बड़े ही श्रद्धाभाव से किया जा रहा है। अगले नौ दिन तक हर घर में मां के जयकारे सुनाई देंगे तो मंदिरों के पास मेले लगे हैं। बाजार भी नारियल, मां की चुनरी और पूजन सामग्री से सज गए हैं।
- वहीं सोशल मीडिया, whatsapp, facebook और twitter पर भी बधाइयों और शुभकामनाओं की होड़ लगी हुई है।
- साथ ही नवरात्रि की शुभकामनायें राजनीति के बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, डॉ. दिनेश शर्मा सहित कई लोगों ने ट्वीट कर दी हैं।
- इसके अलावा मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालु भी अपने मोबाईल फोन में सेल्फी लेते नजर आये वो मां दुर्गा की पूजा के पल अपने कैमरों में कैद कर रहे थे।
मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की हुई पूजा
- राजधानी के चौक स्थित बड़ी काली जी व छोटी काली जी मंदिर के पास मेला लगा है।
- सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किये गए हैं।
- बीकेटी के चंद्रिका देवी मंदिर और गोसाईंगंज के चतुर्भुजी देवी मंदिर के पास भी मेला लगा है।
- नंदना बीकेटी स्थित इक्यावन शक्तिपीठ मंदिर में नवरात्र महोत्सव में हर दिन सुबह आचार्य धनंजय दुर्गा सप्तशती का पाठ करेंगे।
- संतोषी माता मंदिर में हर मां के स्वरूप के जैसा श्रृंगार होगा।
- चौपटिया के संदोहन माता मंदिर, संकटा देवी मंदिर, त्रिवेणीनगर योगी नगर दुर्गा मंदिर, मदेयगंज दुर्गा मंदिर, चिनहट के मां जानकी मंदिर व कैसरबाग के दुर्गा मंदिर समेत राजधानी के सभी मंदिरों में मां की आराधना हो रही है।
- मां बाघंबरी पूर्वी देवी मंदिर, शास्त्रीनगर दुर्गा मंदिर में भी हर साल की तरह हर दिन अलग-अलग वस्तुओं से श्रृंगार किया जाएगा।
- यहां फल, सब्जियों, खिलौनों, मेवों व मसालों से मां को सजाया जाता है।
- बता दें कि पहले दिन मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा बड़े ही श्रद्धापूर्वक हुई।
सुबह 9.57 बजे से पहले हुई कलश स्थापना
- तारीखों के फेर से प्रतिपदा की तिथि गुरुवार सुबह 9.57 बजे तक ही है।
- शारदीय नवरात्र 21 सितंबर (आश्विन शुक्ल प्रतिपदा) से 29 सितंबर (महा नवमी) तक यानी पूरे नौ दिन का है।
- इसलिए इससे पहले (shardiya navratri 2017) कलश स्थापना कर ली गई।
- बनारस के ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी के अनुसार, वैसे कलश स्थापना और ध्वजारोपण के लिए शुभ समय स्थिर लग्न सिंह में प्रात: 5.38 के पहले है।
- इस समय में अगर कलश स्थापना न कर पाएं तो किसी भी हालत में सुबह 9.57 बजे से पहले शुभ रहा।
- बुधवार को सुबह 10:22 से अमावस्या खत्म हो गई और प्रतिपदा का मान शुरू हुआ।
- गुरुवार को प्रतिपदा के मान के साथ ही नवरात्र शुरू हो गया।
- इस अभिजित मुहूर्त में (सुबह 11:30 बजे से 12:28 बजे ) कलश स्थापना की जा सकती है।
- 28 को अष्टमी और 29 को महानवमी (shardiya navratri 2017) होगी, 30 को दशमी होगी।