सोनिया गांधी के गोद लिए गांव उड़वा को सांसद निधि से विकास के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं मिली
गौरतलब है कि 11 अक्टूबर 2014 को लोकनायक जयप्रकाश के जन्मदिन पर प्रधानमन्त्री ने सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरुआत की थी। इस योजना में गांवों को विकसित करने का कार्य अतिरिक्त धन के बजाय सांसद निधि से ही करने का प्रावधान किया गया है। यह योजना अब महज मजाक लगने लगी है। कांग्रेस अध्यक्ष और रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी ने 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानी राणा बेनी माधव बख्श सिंह के पैतृक गांव उड़वा को चुना है। जिसकी जानकरी जैसे ही उस गाँव के लोगो को मिली तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना न रहा पर अफ़सोस उनकी यह ख़ुशी माह कुछ ही दिन की रही क्यूंकि उस गाँव के ग्रामीणों को इस योजना से कुछ भी लाभ न मिला।
सोनिया गांधी ने जब उड़वा गांव को लिया गोद
- कांग्रेस अध्यक्ष और रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी ने जब उड़वा गांव को गोद लिया तो लोगों की।
- इससे काफी उम्मीदें जुड़ गई थीं।
- लेकिन ग्रामीणों को इस बात का मलाल है कि सांसद ने उड़वा गांव को गोद तो ले लिया।
- लेकिन न तो उसे देखने आई और न ही उनका कोई नुमाइंदा लोगों का दुखदर्द जानने आया।
- सांसद निधि से विकास के लिए अभी तक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली।
- गांव वालों ने बताया कि उन्हें लोग बताते हैं कि सड़क और हैंडपंपों के लिए प्रस्ताव बनाए गए हैं।
- लेकिन इन प्रस्तावों पर धन कब मिलेगा, कब विकास होगा, इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता।
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