समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि उत्तरप्रदेश में भाजपा सरकार ढपोरशंखी बन गई है। वादे और घोषणाएं बड़ी-बड़ी किन्तु जमीनी स्तर पर हकीकत में कुछ नहीं। जनता को भ्रमित करने की स्टाइल का भाजपा सरकार ने खूब अनुसरण किया है।
- जनता भली भांति समझने लगी है कि हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और हैं।
- प्रदेश वासी यह भी समझ रहे हैं कि अखिलेश यादव ने विकास के जिन कामों की शुरूआत की थी भाजपा सरकार ने उनसे भी मुंह फेर लिया है।
- बस उनकी चालू योजनाओं को ही नाम बदलकर अपना बता रही है।
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बड़े जोर-शोर से चुनाव सभाओं में घोषणाएं की गई थी कि भाजपा सरकार बनते ही कानून-व्यवस्था चाक-चौबंद हो जाएगी। किसानों का गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। आलू किसानों को राहत दी जाएगी। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कर दिया जाएगा। बड़े जोर शोर से यह भी कहा गया था कि किसानों का कर्ज मंत्रि मण्डल की पहली बैठक में ही माफ हो जाएगा और 15 जून 2017 तक प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएंगी। भाजपा सरकार इसमें एक भी वादा अभी तक पूरा नहीं कर सकी है।
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उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बदहाल है। आम आदमी की जान माल की सुरक्षा अपराधियों के भरोसे है। पुलिस का मनोबल इतनागिरा हुआ है कि अब अपराधी उसको ही थानों में घुसकर पीट रहे हैं। हत्या, लूट, दुष्कर्म, डकैती, की खुली छूट है। चेन स्कैचिंग तो आम बात है। अभी तक गेंहू का लक्ष्य 44 प्रतिशत ही खरीद हो सकी। मजबूरन ज्यादातर किसानों को आढ़तियों या बिचैलियों को कम कीमत पर गेंहू बेचना पड़ा है। आलू किसानों के साथ धोखा हुआ। उनसे खरीद का एलान तब हुआ जब आलू कोल्ड स्टोरेज में जा चुका था। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
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भाजपा ने अपने आचरण से जता दिया है कि वह किसान विरोधी है। तीन महीने पूरे होने जा रहे हैं किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ करने का कोई आदेश अभी तक नहीं हो पाया है। किसान आक्रोशित हैं और कई किसानों ने तो अपनी जानें तक दे दी हैं। कर्ज से बेहाल किसान की आवाज दबाने की साजिशें हो रही हैं। अखिलेश सरकार ने किसानों को 18 घंटे बिजली दी थी। अब 8 घंटे भी आपूर्ति नहीं हो रही है।
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बड़बोलेपन के साथ 15 जून 2017 तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त कर देने का एलान भाजपा सरकार ने किया था। यह जनता को बहकाने की भाजपा की पुरानी चाल साबित हुई हैं। सच तो यह है कि भाजपा-सरकार का अब तक का रिकार्ड घोर निराशा जनक है। उसने जनहित की कोई योजना नहीं शुरू की है। गरीब, किसान, नौजवान और अल्पसंख्यक सब परेशान है। अखिलेश यादव ने विकास का जोरास्ता अपनाया था। भाजपा सरकार ने उसको छोड़कर समाजवादी सरकार के कामों के जांच के बहाने दुष्प्रचार का रास्ता अपना लिया हैं वह बदले की भावना से काम कर रही है।
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भाजपा की जनकल्याण के कामों में दिलचस्पी नहीं है। उसका मुख्य एजेण्डा सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ना और जातियों तथा संप्रदायों के बीच नफरत फैलाना है। वह अपनी इन्ही साजिशों से सत्ता में आई है और वह सत्ता से चिपके रहने के लिए इन्हीं को बढावा देना चाहती है। अखिलेश यादव ने प्रदेश को खुशहाली और समृद्धि के मार्ग पर ले जाने की जो अथक कोशिशें की थीं भाजपा उन्हें ही अपनाकर अपना भला कर सकती थी। लेकिन वह तो विकास विरोधी मानसिकता की है।
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समाजवादी पार्टी की मांग है कि भाजपा के अब तक के वादों की सही स्थिति की परख के लिए एक सर्वदलीय जांच समिति बने। भाजपा राज में झूठ, अफवाह के साथ भ्रष्टाचार की अविरल धारा बहने लगी है। प्रदेश की जनता भाजपा सरकार के आचरण को देखकर हतप्रभ है।
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