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बोर्ड परीक्षा के दबाव में छात्र ने की खुदकुशी

लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र में एक हाईस्कूल के छात्र ने पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली। छात्र इस समय हाईस्कूल का परीक्षा दे रहा था, जिसके चलते वह मानसिक दबाव में था। घटना के समय घर में कोई मौजूद नहीं था। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

जानकारी के अनुसार लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र के सेक्टर 16 में शादाब हुसैन अपने परिवार के साथ रहता था। शादाब इस साल हाईस्कूल की परीक्षा दे रहा था, जिसको लेकर वह काफी परेशान रहता था और वह मानसिक तनाव में रहता था। परिजनों के अनुसार शादाब मानसिक तनाव के चलते घर में पंखे के सहारे फांसी लगाकर खुद ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। बताया कि घटना के वक्त परिवार के सभी लोग बाहर गए हुए थे। जब मृतक की दादी घर में घुसी तो उसने शादाब का शव पंखे से लटकता हुआ देखा तो चीखने लगी। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग इकठा हो गए। घटना की सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। मृतक शादाब गोमतीनगर स्थित सेंट कोलम्बस स्कूल में हाईस्कूल का छात्र था।

 

कई दिनों से खामोश रहता था शादाब

शादाब गोमतीनगर स्थित सेंट कोलम्बस स्कूल में हाईस्कूल का छात्र था, जिसका इस वर्ष हाईस्कूल का इग्जाम था। परिजनों की मानें तो शादाब पिछले कुछ दिनों से खामोश रहता था और परीक्षा को लेकर काफी तनाव में चल रहा था। कल उसका इम्तिहान भी था जिसके बाद आज अचानक उसने ये कदम उठा लिया और अपने जीवन की इहलीला समाप्त कर ली।

 

प्रतिवर्ष सैकड़ों बच्चे करते हैं आत्महत्या

प्रदेश में प्रतिवर्ष हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा आयोजित की जाती है, जिसमें प्रतिवर्ष लाखों बच्चे परीक्षा देते है। परीक्षा के दौरान बच्चों पर मानसिक दबाव बढ़ जाता है जिसके बाद वह गलत कदम उठा लेते हैं। हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा देने के दौरान मानसिक दबाव में कई बच्चे मौत को गले लगा लेते है, तो वहीं बहुत सारे बच्चे रिजल्ट आने के बाद सुसाइड कर लेते है। कोई फांसी लगा लेता है, तो कोई ट्रेन से कटकर जान देता है, तो कोई विषाक्त पदार्थ खाकर जीवन को समाप्त कर लेता है। भारत में प्रति घंटे 1 छात्र सुसाइड कर लेता है।

 

यदि आपका बच्चा है खामोश तो हो जाईए सावधान

यदि बच्चा खामोश है, उदास है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। आपकी जरा सी लापरवाही आपके बच्चे के जीवन पर संकट ला सकती है। यदि बच्चे अचानक अपने व्यवहार में तब्दीली ला रहे है तो यह चिंताजनक बातें हो सकती है। ऐसे में आपको चाहिए कि बच्चों से मित्रवत व्यहार करें। उनके उपर किसी तरह का भी दवाब ना डालें ताकि बच्चा आपसे अपनी परेशानी को बिना किसी हिचक के शेयर कर सके। वर्तमान समय में जीवन में भागमभाग वाली स्थिति बन गई है, जिसमें परिवार के सदस्य एक दूसरे को ठीक से समय नहीं दे पा रहे है। हर बच्चे को अपने पिता अपने मां से प्यार चाहिए होता है और वह मां बाप का प्यार ही है जो अपने बच्चे को हर गलत कदम उठाने से रोक सकता है। यदि बच्चे खामोश है, उदास है, तो उनसे बात करें, उन्हें समझाइए, उनके मित्र बन जाईए और बोलिए कि इस बार नहीं तो अगली बार परीक्षा देकर पास हो जाएगा।

 

मन में आए सुसाइड का ख्याल तो माता-पिता के बारे में सोचें

वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बच्चों के उपर परीक्षा पास करने व अच्छे नम्बर लाने का दबाव बढ़ता जा रहा है। बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण भी माता-पिता अपने बच्चों पर और अच्छा करने का मानसिक दबाव बढ़ा रहे है, जिससे बच्चों के उपर और भी ज्यादा मानसिक दबाव बढता जा रहा है। कुछ बच्चे इस मानसिक दबाव को झेल नहीं पाते है तो वह सुसाइड की तरफ कदम बढ़ा लेते हैं। यदि आपके उपर भी ऐसा मानसिक दबाव है तो अपना जीवन समाप्त करने से पहले एक बार अपने माता-पिता का चेहरा देखें और सोचें कि आपकी मां ने कितनी तकलीफ सहकर आपको पैदा किया है। उसने आपको 9 महीने अपने गर्भ में पाला है, आपको पोषित किया। कई रातों तक मां सो नहीं पाई सिर्फ इसलिए कि आप चैन से सो सकें। उस पिता के बारे में सोचिए जो आप की हर इच्छा को पूरी करने के लिए दिन-रात बिना थके हुए मेहनत करता है।

आप अपने आप को मौत के हवाले करके तो शायद अपनी परेशानी खत्म कर ली हो लेकिन एक बार अपने मरने के बाद की स्थिति के बारे में सोचिए। आपके परिवार पर क्या गुजर रही होगी ? जिस मां ने आपको इतने लाड-प्यार से पाला है, उसे आप इस तरह से सिला देंगे, उसके प्यार को, उसके दूध के कर्ज को इस तरह से चुकाएंगे ?

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