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शामली: सरकारी स्कूल में शौचालय न होने पर बच्चे खुले में शौच जाने को मजबूर

Students forced to go openly due to no toilets in government school

Students forced to go openly due to no toilets in government school

उत्तर प्रदेश के शामली जिले के एक गाँव में सरकारी स्कूल में शौचालय तक नहीं है. जिसके चलते छात्र छात्राएं मजबूरन खुले में शौच जाते हैं. सरकार ने प्रदेश को ओडीएफ घोषित कर दिया है लेकिन सरकारी स्कूलों के ही ऐसे हाल हैं तो अन्य क्षेत्रों और गांवों के क्या हाल होंगे इसका अंदाजा लगाना आसान होगा. 

200 बच्चे पढ़ते हैं, पर एक भी शौचालय नहीं:

मामला शामली जिले के गांव अजीजपुर ब्लॉक ऊन का है, जहां पर ग्राम प्रधान और अधिकारी मिलकर सरकार के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं.

बता दें कि अजीजपुर गांव के सरकारी स्कूल के हालात ये हैं कि स्कूल में न तो शौचालय है. साथ ही चारों ओर गंदगी ही गंदगी है. स्कूल में सफाई का नामों निशान तक नहीं है.

यहां पर जूनियर में 38 बच्चे हैं और प्राथमिक विद्यालय में 162 बच्चे हैं. स्कूल में कुल बच्चे 200 हैं लेकिन इन बच्चों के लिए स्कूल में एक शौचालय तक नहीं है. सभी बच्चे स्कूल से बाहर खुले में शौच करने के लिए जाते हैं.

ग्राम प्रधान से शिकायत के बाद भी नहीं बना शौचालय:

जब इस बारे में स्कूल के अध्यापकों से बात की तो उन्होंने बताया कि कुछ बच्चे तो शौच के लिए अपने घर चले जाते हैं. वहीं बाकी बच्चे स्कूल के बाहर ही शौच कर लेते हैं.

स्कूल की अध्यापिका दीपा राय ने बताया कि न तो स्कूल में शौचालय है और न ही सफाई के लिए सफाई कर्मी.

उन्होंने कहा कि इस बाबत प्रधान को कई बार सूचना दी गयी कि स्कूल में शौचालय बनवा दिया जाए और सफाई कर्मी को बोल दे की स्कूल में सफाई कर दे लेकिन प्रधान बार बार शिकायत पर भी कोई ध्यान नहीं देते.

ओडीएफ घोषित हो चुका जिला:

वहीं स्कूल की हालत पर कोई जिला स्तरीय अधिकारी और ग्राम सचिव तक न निरीक्षण करने ही आता है और न ही ध्यान दिया जाता है.

बता दें कि स्कूल में आंगनबाड़ी केंद्र भी है. जिस पर ताला लगा हुआ है. आंगनबाड़ी केंद्र खुलता ही नहीं. वहीं आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे खेलते दिखाई दिए. इस पर भी ध्यान नहीं दिया जाता.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि देश को सोच मुक्त करना है. इसके लिए सरकार ने घर-घर शौचालय भी बना दिए लेकिन इस गांव में तो सरकारी स्कूल में ही शौचालय नहीं है. जहां बच्चों को खुले से शौच मुक्त की शिक्षा दी जाती है, वहीं पर शौचालय नहीं है.

आखिर बच्चों के भविष्य के साथ यह खिलवाड़ क्यों?

दूसरी तरफ शामली के अधिकारी भी दावा करते हैं कि उन्होंने शामली को शौच मुक्त करवा दिया है. लेकिन सरकारी स्कूल में ही शौचालय न होने से न केवल उनके दावों की सच्चाई बल्कि सरकार के लक्ष्य और मंशा का धुलित होती स्थित दिखाई देती है.

अब सवाल यह उठता है स्कूल में क्यों नहीं बना शौचालय?

शौचालय न होने का जिम्मेदार कौन?

ग्राम प्रधान की लापरवाही?

या अधिकारियों की उदासीनता?

आखिर ऐसे हालातों में बच्चे कैसे सीखेंगे खुले में शौच न करने की सरकार की मंशा?

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