बाराबंकी: स्वच्छता का असर कही जिले के अन्य जगहों पर भले ही हुआ हो. लेकिन जनपद के रामपुर जमीन हुसैनाबाद सुबेहा में परिषदीय स्कूल की तस्वीर इसके ठीक विपरीत है. इस सरकारी स्कूल के शिक्षक और प्रधान शिक्षिका विद्यालय की साफ सफाई को लेकर कतई गंभीर नहीं हैं. सरकारी विद्यालयों में गंदगी फैली हुई है. हमारे संवाददाता ने इन्हीं स्कूलों की हकीकत देखने के लिए इस स्कूल में जाकर देखा तो स्थिति और भी गंभीर नजर आई. जैसे स्कूलों के गेट से लेकर भीतर तक कुत्ते लोट रहे हैं. शौचालयों में ताले पड़े हुए हैं. ऐसे में छात्र छात्राओं को स्कूल के बाहर ही लघुशंका, दीर्घशंका के लिए जाना पड़ता है. सच्चाई यह है कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षिकाओं का सफाई से कोई लेना देना नहीं है.
रसोई घर बना शौचालय-
प्रधान शिक्षिका सूर्यमती देवी व एक सहायक अध्यापक मिले स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस प्राथमिक विद्यालय में शौचालय तो बनवा दिए गए. लेकिन उनमें ताले डाल दिए गए हैं. स्कूल के शौचालय ठप पड़े हैं. इन्हें दुरुस्त कराने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है. ऐसे में छात्र-छात्राओं को रसोईघर व खुले शौच जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
कूड़े के ढेर से पटा पड़ा कक्ष-
भूकम्परोधी कक्ष में कूड़ा भरा पड़ा है. दीवार की पेंटिंग व लिखी गयी वर्णमाला मिट चुकी है. शरारती तत्वों ने स्कूल की दीवाल पर गन्दी तस्वीरे बना दी है. जानकारी करने पर ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 3 वर्षो से स्कूल की पेंटिंग नही हुई है. विद्यालय में न बाउंड्री थी साफ-सफाई से लेकर मध्याह्न भोजन तक की व्यवस्था बेपटरी चल रही है.
बोले जिम्मेदार-
बीएसए बाराबंकी का कहना है कि मामला संज्ञान में नही है यदि रसोईघर का उपयोग शौचालय के रूप में किया जा रहा है तो यह गलत है इसकी जाँच कराकर जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.