खनन विभाग की कठोर नीतियों से ठेकेदार काफी समय से परेशान चल रहे थे. जिसके बाद आज ठेकेदारों ने बड़ा कदम उठाया हैं. प्रदेश के 300 से ज्यादा खादानों की परमिट ठेकेदारों ने वापस कर दी है. उनके इस कदम के बाद यूपी में मौरंग और बालू का संकट बढ़ गया हैं.
खनन विभाग की नीति से ठेकेदार परेशान:
उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में निर्माण कार्य हो रहे हैं. लेकिन अब मौरंग और बालू का संकट बढ़ गया है. कारण ये है कि प्रदेश के 300 से ज्यादा खदानों का परमिट ठेकेदारों ने वापस कर दिया है. ऐसा ठेकेदारों ने खनन विभाग की नीति से परेशान होकर किया.
बता दें कि खनन विभाग कि कठोर नीतियों के चलते ठेकेदार बालू-मौरंग के खनन से लाभ तो दूर लागत मूल्य तक नहीं निकाल पा रहे है. जिसके चलते करीब 300 ठेकेदार खदान चलाने के इच्छुक नहीं हैं.
लागत मूल्य तक नहीं निकाल पा रहे ठेकेदार:
ठेकेदार विभाग की गलत नीतियों और उसके चलते हो रहे भयानक घाटे से परेशान है. वहीं उनके इस कदम के बाद प्रदेश में बालू, मौरंग, गिट्टी के दाम बढ़ गये हैं.
35 हजार रुपये प्रति ट्रक मौरंग 1 लाख तक पहुंचा:
जिस मौरंग का दाम प्रति ट्रक 35 हजार रुपये था, उसका दाम ठेकेदारों के खादानों से हाथ खीचने के बाद 1 लाख रुपये प्रति ट्रक तक पहुँच गया है. वहीं बालू और गिट्टी के दामों में भी इजाफा हुआ हैं. इतना ही नहीं इसका असर ईंट पर भी पड़ा जिसके बाद ईंटों के दाम भी आसमां छू रहे हैं.
वहीं ठेकेदारों के 300 से ज्यादा खदानों की परमिट वापस करने से प्रदेश सरकार को भी बड़ा झटका लगा है. वसूली तंत्र की उगाही व्यवस्था ने एक बार फिर प्रदेश में भूतत्व खनिजों की कमी कर दी है.