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लखनऊ में किसानों को ज्यादा दाम पर बेची जा रही यूरिया

Urea Fertilizers Sold at Higher Price To Farmers in Lucknow

Urea Fertilizers Sold at Higher Price To Farmers in Lucknow

उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों की तो बात दूर की है, यहाँ तो लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र माल थाना क्षेत्र में यूरिया की बिक्री अधिक दाम पर की जा रही है। जबकि सरकार ने किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए यूरिया के दाम कम किए हैं। इसके बावजूद खाद दुकानदार किसानों को पुराने दामों पर यूरिया बेच रहे हैं। इसका खुलासा जांच के दौरान हुआ है। शासन के निर्देश पर करवाई गई जांच में कई कमियां मिली हैं।

सहायक विकास अधिकारी कृषि घनश्याम बाजपेयी ने नवीपनाह स्थित यादव खाद स्टोर, अवस्थी खाद भंडार सहित नबीडांडा सहकारी समिति का निरीक्षण किया। इन स्थलों पर न तो स्टॉक का कोई विवरण मिला और न ही रेट बोर्ड पर रेट ही अंकित मिले। यहां पर किसानों को पुराने रेट पर ही यूरिया बेची जा रही थी। एडीओ ने बताया कि शासन ने यूरिया के रेट कम किए हैं। इसके बाद भी विक्रेता पुराने रेट पर किसानों को महंगी खाद बेंच रहे हैं। इससे किसानों को सरकार द्वारा दी गई राहत का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। 45 किग्रा यूरिया का बैग क्षेत्र में खुलेआम 330 रूपये की दर से बेची जा रही है। नए रेट पर ही यूरिया की बिक्री किसानों को करने के आदेश सभी प्राइवेट दुकानों और सहकारी समितियों को दिए गए हैं।

एडीओ ने बताया कि यादव खाद स्टोर पर यूरिया प्रति बोरी 299.50 रुपये में बेची जाती मिली। जबकि घटी दर 265.50 रुपये है। यहां 17 मीट्रिक टन यूरिया स्टॉक मिला। वहीं साधन सहकारी समिति नबीडांडा में भी यूरिया की बोरी पर 10 से 15 रुपये अधिक लेकर बेची जा रही थी। इस पर उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। पुराने रेट पर खाद बेच रहे इन विक्रेताओं के खिलाफ जांच रिपोर्ट जिला कृषि अधिकारी को भेजी गई है। सरकार की तरफ से निर्धारित 50 किग्रा यूरिया बैग की कीमत 330.50 रुपये से घटकर 295 रुपये प्रति बैग हो गई है। 45 किग्रा यूरिया बैग का दाम 299 से घटकर 266.50 रुपये प्रति बैग हो गया है। सरकार ने प्रदेश में यूरिया पर लगने वाले अतिरिक्त कर (एससीटीएन) को समाप्त कर दिया है, जिससे यूरिया के दामों में कमी आई है। यूरिया की नई घटी हुई खुदरा बिक्री की दरें 12 जनवरी 2019 से प्रभावी कर दी गई हैं। इसके बाद भी नियम को ताक पर रखकर दुकानदार किसानों से मनमाना दाम वसूल रहे हैं।

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