बुलंदशहर के लक्ष्मी अल्पावास गृह में देह व्यापार के खुलासे के बाद पुलिस की नजर अब कुछ ऐसे सफेदपोशों पर है, जिनके ताल्लुकात इस शेल्टर होम से बेहद करीब थे। इन्हीं नेताओ में एक नाम समाजवादी पार्टी के नेता शशांक भाटी का भी है जो इस एनजीओ के प्रदेश अध्यक्ष थे।
- प्रशासन ने अपनी कार्रवाई में इस नेता के अलावा एनजीओ के बाकी पदाधिकारियों को भी बख्श दिया है।
- एनजीओ के पदाधिकारियों और स्टाफ पर भी संवासनियों से मारपीट और अश्लीलता करने के आरोप है।
- बुलंदशहर के जिस लक्ष्मी अल्पावास गृह में नाबालिग लड़कियों का यौनशोषण होता था।
- उसका प्रदेश अध्यक्ष है समाजवादी पार्टी का नेता शशांक भाटी।
- एनजीओ की राष्ट्रीय अध्यक्ष हेमा वर्मा और संचालक सचिव वर्मा के साथ शशांक भाटी की नजदीकियां बताने के लिए ये तस्वीरें और उसका खुद अल्पावास गृह के प्रबंधतन्त्र में शामिल होना काफी है।
- लेकिन इस सबके बाबजूद पुलिस-प्रशासन ने संचालक सचिन वर्मा के अलावा एफआईआर और जॉच में किसी का नाम नही खोला।
- समाजवादी पार्टी के एक कद्दावर नेता के दबाब के चलते पुलिस-प्रशासन ने बाकी सब को बाद की तफ्तीश में शामिल कहकर पूरी तहकीकात को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
- जबकि इस मामले का खुलासा करने वाली संवासिनी ने संचालक सचिव वर्मा, उसके पिता नरेश वर्मा और शेल्टर होम का वार्डन प्राची वर्मा और एनजीओ की अध्यक्ष हेमा वर्मा पर बेहद गंभीर आरोप लगाये थे।
- सूत्र बताते है कि शशांक भाटी की जिला प्रशासन और पुलिस के अफसरों में खासा दखल है।
- जिसकी वजह है समाजवादी पार्टी के कद्दावार सपा नेता जिसकी जिले में तूती बोलती है।
- संवासिनी ने आरोप लगाये थे कि एऩजीओ से जुड़े लोग भी संवासनियों के साथ अश्लीलता और यौन शोषण करते है।
- पीड़ित संवासिनी ने बताया है कि सचिन वर्मा के शारीरिक संबध अल्पावास गृह की एक और संवासिनी से भी है।
- जो जहाँगीराबाद सिटी की निवासी है।
- वह उसे सरेआम चूम लिया करता था और कभी भी उससे अश्लील हरकतें करता था।
- इसके अलावा सचिन वर्मा लोहे के रॉड से संवासनियों की पिटाई करता था।
- आरोप है कि संवासनियों के परिवार से सचिन वर्मा हर महीने रूपये वसूलता था।
- सचिव वर्मा के पिता और नवदीप एनजीओ के संरक्षण नरेश वर्मा की हरकतों का भी संवासिनी ने खुलासा किया है।
- उसने बताया कि नरेश वर्मा संवासनियों के साथ रजाई में बैठ जाता था और अश्लील हरकतें करता था।
- वह लड़कियों को जापानी तेल की शीशी भी दिखाया करता था।
- सचिव वर्मा की पत्नी और शेल्टर होम की वार्डन प्राची वर्मा भी संवासनियों की परदे की रॉड से पिटाई किया करती थी।
- वह अपने घर का काम भी संवासनियों से कराती थी और संवासनियों को नौकरानी बनाकर दूसरों के घरों में भेजा जाता था।
- पीड़िता ने खुलासा किया कि दूसरों के घरों में काम के वक्त भी उनका यौन शोषण किया जाता था।
- प्रशासनिक जॉच में शेल्टर होम की लिपिक फिरोजा खान का नाम भी सामने आया है।
- अल्पावास गृह की सेविका फिरोजा खान से पुलिस ने न तो पूछताछ की और न ही उसे गिरफ्तार किया है।
- संवासिनी के बयानों में फिरोजा की भूमिका अल्पावास में चल रहे इस गोरखधंधे में सबसे अहम है।
- फिरोजा को एक-एक वारदात और संवासिनियों के शोषण की सारी जानकारी है और वह संवासनियों के यौन शोषण में एनजीओ संचालक के दाहिने हाथ के तौर पर काम करती थी।
- यौन शोषण के आरोपी संचालक सचिन वर्मा को जेल भेजे हुए 5 दिन हो चुके है।
- लेकिन इन दिनों में पुलिस की तफ्तीश 5 कदम भी आगे नही बढ़ पायी है। दरअसल, जिले के सपा नेता शशांक भाटी और एनजीओ से जुड़े अन्य आरोपियों को बचाने के लिए बुलंदशहर से लखनऊ तक जोर आजमाईश कर रहे है।
- अगर ये दबाब काम कर गया तो संवासनियों की आवाज नक्कारखाने की तूती की तरह दबकर रह जायेगी।
- रविवार को जेल भेजे गये आरोपी संचालक सचिन एन वर्मा ने बताया था कि उसके खिलाफ साजिश करके उसे फँसाया गया है।
- वह कोर्ट में सारे सबूत रखेगा। वह निर्दोष है।
- सिटी मजिस्ट्रेट डीपी सिंह ने बताया है कि पुलिस तफ्तीश में चीजें साफ होगी और जो दोषी होगा उस पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
- इसके अलावा उन्हें और कुछ नही कहना है।
- एसपी सिटी राममोहन सिंह ने बताया कि किसी भी तरह का दबाब पुलिस के ऊपर नही है।
- पूरा केस स्पष्ट है। पूछताछ और बयानों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसका असर भी दो-चार दिन में दिखने लगेगा।
- किसी भी दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नही जायेगा। संवासनियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है।